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मंत्री संपत्तिया उइके को मिली क्लिनचिट, 1000 करोड़ रुपए कमीशन का है आरोप; कांग्रेस ने CBI जांच की मांग की

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भोपाल: मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के फंड में कथित भ्रष्टाचार को लेकर विवाद गहरा गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने राज्य मंत्री संपतिया उइके पर लगे रिश्वत के आरोपों को निराधार बताया है। विभाग का कहना है कि ये आरोप दुर्भावना से प्रेरित हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को गंभीर बताते हुए मंत्री उइके के इस्तीफे और CBI जांच की मांग की है। पूर्व MLA किशोर समरीते ने मंत्री उइके पर केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के लिए जारी 30,000 करोड़ रुपये के फंड में से 1000 करोड़ रुपए कमीशन लेने का आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है।





शिकायत है झूठी

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने इस मामले की जांच की। जांच में पाया गया कि शिकायत झूठी है। यह बिना किसी आधार के और गलत इरादे से की गई है। विभाग ने कहा कि उसने सभी तथ्यों और विभागीय प्रक्रियाओं की जांच की है।



मंत्री पर लगे आरोप गलत

मंत्री संपत्तिया उइके ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। उइके ने कहा कि मैं पूरी तरह से सही (निर्दोष) हूं। मुझे मामले की जांच से कोई दिक्कत नहीं है। मैं एक आदिवासी महिला हूं और गरीब परिवार से हूं। आज मैं जनता की सेवा करने के लिए यहां हूं। हमारे मुख्यमंत्री इस पर जवाब देंगे और उन्हें स्थिति की जानकारी है। जिस तरह से मुझे परेशान किया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है।



कांग्रेस ने किया हमला

कांग्रेस इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह गंभीर भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने मंत्री उइके के इस्तीफे की मांग की है। साथ ही, उन्होंने CBI जांच की भी मांग की है।



हर जगह है भ्रष्टाचार

पटवारी ने कहा कि अखबारों में सुर्खियां हैं कि यह 1000 करोड़ रुपए के कमीशन का मामला है। चाहे जल जीवन मिशन हो या नल जल मिशन, हर जगह भ्रष्टाचार है। क्या BJP नैतिक जिम्मेदारी भूल गई है? अगर राज्य सरकार में कोई नैतिकता है, तो उन्हें मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए। आज मैं खुद प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग करूंगा।



जीतू पटवारी ने आगे कहा कि राज्य की मोहन सरकार भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है. सभी मंत्री लूट में लगे हुए हैं. ऐसा एक भी मंत्री नहीं है जो कह सके कि वह साफ है. यह सिर्फ 1000 करोड़ रुपये की अनियमितता का मामला नहीं है. मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.



PHE विभाग ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया। इसमें लिखा था कि मुख्य अभियंता की तथ्यात्मक रिपोर्ट में शिकायत निराधार पाई गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मंत्री संपतिया उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और निराधार हैं।

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