कोलकाता: केंद्रीय चुनाव आयोग (CEC) ने बिहार के बाद बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में मौजूदा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) का ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के इस बड़े ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी का बड़ा बयान सामने आया है। बनर्जी ने कहा है कि कि अगर बंगाल में एक भी असली मतदाता का मताधिकार छीना गया, तो 1 लाख लोग दिल्ली स्थित चुनाव आयोग कार्यालय का घेराव करेंगे। टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी ने दोहराया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर करने और उन्हें उनके मताधिकार से वंचित करने का एक तरीका है।
बनर्जी ने SIR पर उठाए सवाल
अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने छठ उत्सव के बीच पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। एसआईआर वास्तव में पुनरीक्षण नहीं है, बल्कि यह मतदाताओं को सूची से बाहर करने और उन्हें उनके मताधिकार से वंचित करने का एक तरीका है। पहले लोग सरकार तय करने के लिए वोट करते थे लेकिन अब सरकार तय कर रही है कि किसे वोट देना चाहिए। जब 2002 में एसआईआर हुआ था, तो इसमें दो साल लगे थे। और अब वे इसे दो महीने में कर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल 5 जगहों पर चुनाव होने हैं, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी, लेकिन उन्होंने असम में एसआईआर को बाहर कर दिया है।
केवल बंगाल में SIR हो रहा है?
बनर्जी ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव? चुनाव आयोग किसके निर्देश पर काम कर रहा है? पांच भारतीय राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं। पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम। एसआईआर केवल बंगाल में हो रहा है। एसआईआर उन चार अन्य राज्यों में क्यों नहीं लागू किया जाता जिनकी सीमा बांग्लादेश से लगती है। उन्होंने आगे कहा। उन्होंने आगे कहा कि म्यांमार की सीमा पश्चिम बंगाल से नहीं लगती। बनर्जी ने कहा कि अगर रोहिंग्या घुसते हैं, तो वे केवल मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से ही प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन एसआईआर इन चार राज्यों में नहीं हो रहा है। फिर चुनाव आयोग का मकसद क्या है?
चुनाव आयोग को दी बड़ी धमकी
बनर्जी ने कहा कि उनका उद्देश्य बंगाल का अपमान करना और बंगालियों को बांग्लादेशी कहना, भाषा का अपमान करना और 2021 में बुरी तरह हारने के बाद मतदाताओं के अधिकार छीनना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। अगर एक भी असली मतदाता का अधिकार छीना गया, तो बंगाल के 1 लाख लोग नई दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव करेंगे। गौरतलब हो कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में SIR की घोषणा की है।
बनर्जी ने SIR पर उठाए सवाल
अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने छठ उत्सव के बीच पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। एसआईआर वास्तव में पुनरीक्षण नहीं है, बल्कि यह मतदाताओं को सूची से बाहर करने और उन्हें उनके मताधिकार से वंचित करने का एक तरीका है। पहले लोग सरकार तय करने के लिए वोट करते थे लेकिन अब सरकार तय कर रही है कि किसे वोट देना चाहिए। जब 2002 में एसआईआर हुआ था, तो इसमें दो साल लगे थे। और अब वे इसे दो महीने में कर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल 5 जगहों पर चुनाव होने हैं, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी, लेकिन उन्होंने असम में एसआईआर को बाहर कर दिया है।
केवल बंगाल में SIR हो रहा है?
बनर्जी ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव? चुनाव आयोग किसके निर्देश पर काम कर रहा है? पांच भारतीय राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं। पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम। एसआईआर केवल बंगाल में हो रहा है। एसआईआर उन चार अन्य राज्यों में क्यों नहीं लागू किया जाता जिनकी सीमा बांग्लादेश से लगती है। उन्होंने आगे कहा। उन्होंने आगे कहा कि म्यांमार की सीमा पश्चिम बंगाल से नहीं लगती। बनर्जी ने कहा कि अगर रोहिंग्या घुसते हैं, तो वे केवल मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से ही प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन एसआईआर इन चार राज्यों में नहीं हो रहा है। फिर चुनाव आयोग का मकसद क्या है?
चुनाव आयोग को दी बड़ी धमकी
बनर्जी ने कहा कि उनका उद्देश्य बंगाल का अपमान करना और बंगालियों को बांग्लादेशी कहना, भाषा का अपमान करना और 2021 में बुरी तरह हारने के बाद मतदाताओं के अधिकार छीनना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। अगर एक भी असली मतदाता का अधिकार छीना गया, तो बंगाल के 1 लाख लोग नई दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव करेंगे। गौरतलब हो कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में SIR की घोषणा की है।
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