नई दिल्ली: अमेरिका के साथ पिछले एक दशक में भारत के रिश्ते शानदार रहे हैं। लेकिन, इन रिश्तों में अचानक ट्विस्ट आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड की नीतियां इसकी वजह बन गई हैं। उन्होंने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। अमेरिका में भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ के अलावा उस पर शुल्क बढ़ाने की बात कर दी है। यह अमेरिका के साथ भारत के तनाव की वजह बन रहा है। सवाल यह है कि चीन भी रूसी तेल का बड़ा खरीदार है। फिर ट्रंप के निशाने पर भारत की क्यों है? कैपिटलमाइंड के सीईओ दीपक शेनॉय ने इसके पीछे छुपे ट्रंप के एजेंडे के बारे में समझाया है।
ट्रंप ने भारत से होने वाले निर्यात पर भारी टैरिफ लगाने का संकेत दिया है। उनका आरोप है कि भारत यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने में लगा है। वह रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में बेच रहा है। रूस से सैन्य हथियार खरीदने के लिए भी ट्रंप ने भारत पर नाराजगी जताई है। इस पूरे मामले को कैपिटलमाइंड के सीईओ दीपक शेनॉय ने एक दूसरे एंगल से डिकोड किया है।
ट्रंप के कदम रूस के कारण नहीं
शेनॉय के अनुसार, ट्रंप का यह कदम रूस के कारण नहीं है। अलबत्ता, भारत पर दबाव बनाने के लिए है। ट्रंप के भारत के खिलाफ नए खतरों पर प्रतिक्रिया देते हुए शेनॉय ने एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, 'ओह, यह इसलिए नहीं है कि रूस से कोई संबंध है। ऐसा तो बहुत समय से है। यूरोप और चीन दोनों रूस से खरीदते हैं और आगे चीजें बेचते हैं।'
शेनॉय के मुताबिक, ट्रंप यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि टैरिफ के किस स्तर तक भारत प्रतिक्रिया देगा। यह एक गेम है। लेकिन, वह अकेले नहीं खेल रहे हैं। ऐसा लगता है कि चीन ने अमेरिका को घेर लिया है। इसलिए ट्रंप अब बाकी सभी को देख रहा है।
शेनॉय ने आगे लिखा, 'यह बढ़ने जा रहा है। मुमकिन है कि पागलपन के स्तर तक पहुंच जाए। जब तक आपको यह पता नहीं चल जाता कि यह पागलपन किस स्तर तक जाने वाला है तब तक व्यापार के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।' उनकी राय में भारत को 'इंतजार करना चाहिए'। इस बीच धीरे-धीरे अमेरिका पर अभी निर्भरता को कम करना चाहिए।
भारत के खिलाफ बढ़ी है ट्रंप की बयानबाजी
शेनॉय का यह पोस्ट ट्रंप की ओर से भारत के खिलाफ व्यापारिक बयानबाजी बढ़ाने के बाद आई है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ सोशल' पर पोस्ट में भारत पर यूक्रेन में युद्ध से रूसी तेल को फिर से बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए तेल का बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बड़े मुनाफे के लिए बेच रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'भारत को इस बात की परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन से कितने लोग मारे जा रहे हैं। इस वजह से मैं भारत पर टैरिफ में काफी बढ़ोतरी करूंगा।'
30 जुलाई को ट्रंप ने 1 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया। समीक्षा लंबित होने के कारण समय सीमा को बाद में 7 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत हमारा दोस्त है। लेकिन, दावा किया कि हमने वर्षों से उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है। कारण है कि उसके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। ये दुनिया में सबसे ज्यादा में से हैं।'
ट्रंप ने रूस के साथ भारत के संबंधों पर भी हमला किया। कहा, 'भारत ने हमेशा रूस से अपने सैन्य उपकरणों का बड़ा हिस्सा खरीदा है। वह चीन के साथ रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्या करना बंद करे - ये सभी चीजें अच्छी नहीं हैं!'
भारत ने ट्रंप को दिया है करारा जवाबट्रंप ने इसके पहले कहा था कि भारत और रूस 'अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ नीचे ले जा सकते हैं'। इस बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संसद को बताया था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
शेनॉय के अनुसार, चीन के साथ ट्रंप व्यापार में पिछड़ रहे हैं। यही कारण है कि वह अब भारत जैसे देशों पर निशाना साध रहे हैं ताकि उन्हें मजबूर कर सकें। वह उनकी सहनशीलता की हद को देखना चाहते हैं। भारत ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप की ताजा धमकियों का करारा जवाब दिया है। उसने कहा है कि अमेरिका और यूरोप खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। ऐसे में पहले उन्हें अपना गिरेबान देखना चाहिए।
ट्रंप ने भारत से होने वाले निर्यात पर भारी टैरिफ लगाने का संकेत दिया है। उनका आरोप है कि भारत यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने में लगा है। वह रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में बेच रहा है। रूस से सैन्य हथियार खरीदने के लिए भी ट्रंप ने भारत पर नाराजगी जताई है। इस पूरे मामले को कैपिटलमाइंड के सीईओ दीपक शेनॉय ने एक दूसरे एंगल से डिकोड किया है।
ट्रंप के कदम रूस के कारण नहीं
शेनॉय के अनुसार, ट्रंप का यह कदम रूस के कारण नहीं है। अलबत्ता, भारत पर दबाव बनाने के लिए है। ट्रंप के भारत के खिलाफ नए खतरों पर प्रतिक्रिया देते हुए शेनॉय ने एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा, 'ओह, यह इसलिए नहीं है कि रूस से कोई संबंध है। ऐसा तो बहुत समय से है। यूरोप और चीन दोनों रूस से खरीदते हैं और आगे चीजें बेचते हैं।'
शेनॉय के मुताबिक, ट्रंप यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि टैरिफ के किस स्तर तक भारत प्रतिक्रिया देगा। यह एक गेम है। लेकिन, वह अकेले नहीं खेल रहे हैं। ऐसा लगता है कि चीन ने अमेरिका को घेर लिया है। इसलिए ट्रंप अब बाकी सभी को देख रहा है।
शेनॉय ने आगे लिखा, 'यह बढ़ने जा रहा है। मुमकिन है कि पागलपन के स्तर तक पहुंच जाए। जब तक आपको यह पता नहीं चल जाता कि यह पागलपन किस स्तर तक जाने वाला है तब तक व्यापार के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।' उनकी राय में भारत को 'इंतजार करना चाहिए'। इस बीच धीरे-धीरे अमेरिका पर अभी निर्भरता को कम करना चाहिए।
भारत के खिलाफ बढ़ी है ट्रंप की बयानबाजी
शेनॉय का यह पोस्ट ट्रंप की ओर से भारत के खिलाफ व्यापारिक बयानबाजी बढ़ाने के बाद आई है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ सोशल' पर पोस्ट में भारत पर यूक्रेन में युद्ध से रूसी तेल को फिर से बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए तेल का बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बड़े मुनाफे के लिए बेच रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'भारत को इस बात की परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन से कितने लोग मारे जा रहे हैं। इस वजह से मैं भारत पर टैरिफ में काफी बढ़ोतरी करूंगा।'
30 जुलाई को ट्रंप ने 1 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया। समीक्षा लंबित होने के कारण समय सीमा को बाद में 7 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत हमारा दोस्त है। लेकिन, दावा किया कि हमने वर्षों से उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है। कारण है कि उसके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। ये दुनिया में सबसे ज्यादा में से हैं।'
ट्रंप ने रूस के साथ भारत के संबंधों पर भी हमला किया। कहा, 'भारत ने हमेशा रूस से अपने सैन्य उपकरणों का बड़ा हिस्सा खरीदा है। वह चीन के साथ रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्या करना बंद करे - ये सभी चीजें अच्छी नहीं हैं!'
भारत ने ट्रंप को दिया है करारा जवाबट्रंप ने इसके पहले कहा था कि भारत और रूस 'अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ नीचे ले जा सकते हैं'। इस बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संसद को बताया था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
शेनॉय के अनुसार, चीन के साथ ट्रंप व्यापार में पिछड़ रहे हैं। यही कारण है कि वह अब भारत जैसे देशों पर निशाना साध रहे हैं ताकि उन्हें मजबूर कर सकें। वह उनकी सहनशीलता की हद को देखना चाहते हैं। भारत ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप की ताजा धमकियों का करारा जवाब दिया है। उसने कहा है कि अमेरिका और यूरोप खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। ऐसे में पहले उन्हें अपना गिरेबान देखना चाहिए।
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