नई दिल्ली: भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद मिडिल ईस्ट और अमेरिका से लाखों बैरल कच्चा तेल खरीदा है। यह खरीद ऐसे समय में हुई है जब रूस से तेल की आपूर्ति बाधित होने की चिंताएं बढ़ गई हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस ने सऊदी अरब के खफजी, इराक के बसरा मीडियम और कतर के अल-शहीन जैसे कई ग्रेड के कच्चे तेल खरीदे हैं। इसके अलावा कंपनी ने अमेरिका के WTI क्रूड का भी कुछ हिस्सा खरीदा है। यह तेल दिसंबर या जनवरी तक डिलीवर होने की उम्मीद है।
रिलायंस रूस से तेल खरीदने वाले भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी ने रोसनेफ्ट पीजेएससी के साथ एक लंबे समय के अनुबंध के तहत तेल खरीदा है। रोसनेफ्ट उन कंपनियों में से एक है जिन पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि रिलायंस आमतौर पर मिडिल ईस्ट से तेल खरीदती है लेकिन उसकी हाल की खरीद सामान्य से अधिक है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस ने इस महीने स्पॉट मार्केट से कम से कम 1 करोड़ बैरल कच्चा तेल खरीदा है। इसमें से अधिकांश मिडिल ईस्ट से खरीदा गया है और ज्यादातर तेल अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद खरीदा गया है।
चीन ने भी रोकी खरीद
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस मामले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की। अन्य भारतीय रिफाइनर भी स्पॉट कार्गो की तलाश में हैं। वे खासकर मिडिल ईस्ट, अमेरिका और ब्राजील से तेल खरीदने की तैयारी में हैं। रूस की कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने के बाद प्रमुख भारतीय रिफाइनरियों में रूसी तेल की आपूर्ति में तेज गिरावट आने की आशंका है। चीन की कुछ सरकारी कंपनियों ने भी फिलहाल रूस से तेल की खरीदारी बंद कर दी है।
रिलायंस रूस से तेल खरीदने वाले भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी ने रोसनेफ्ट पीजेएससी के साथ एक लंबे समय के अनुबंध के तहत तेल खरीदा है। रोसनेफ्ट उन कंपनियों में से एक है जिन पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि रिलायंस आमतौर पर मिडिल ईस्ट से तेल खरीदती है लेकिन उसकी हाल की खरीद सामान्य से अधिक है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस ने इस महीने स्पॉट मार्केट से कम से कम 1 करोड़ बैरल कच्चा तेल खरीदा है। इसमें से अधिकांश मिडिल ईस्ट से खरीदा गया है और ज्यादातर तेल अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद खरीदा गया है।
चीन ने भी रोकी खरीद
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस मामले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की। अन्य भारतीय रिफाइनर भी स्पॉट कार्गो की तलाश में हैं। वे खासकर मिडिल ईस्ट, अमेरिका और ब्राजील से तेल खरीदने की तैयारी में हैं। रूस की कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने के बाद प्रमुख भारतीय रिफाइनरियों में रूसी तेल की आपूर्ति में तेज गिरावट आने की आशंका है। चीन की कुछ सरकारी कंपनियों ने भी फिलहाल रूस से तेल की खरीदारी बंद कर दी है।
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