नई दिल्ली: हाल ही में हिरासत में लिए गए पर्यावरण कार्यकर्ता की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने लद्दाख में हाल ही में हुई पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय लद्दाख में ब्रिटिश शासन की तरह अत्याचार कर रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या भारत वाकई में आजाद है? यहां तो हालत ब्रिटिश शासन से भी ज्यादा खराब है।
गीतांजलि ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर काफी आक्रामक अंदाज में पूछते हुए लिखा कि क्या भारत सचमुच आजाद है? 1857 में, 24000 अंग्रेजों ने महारानी के आदेश पर 30 करोड़ भारतीयों पर अत्याचार करने के लिए 1,35,000 भारतीय सिपाहियों का इस्तेमाल किया था। आज, गृह मंत्रालय के आदेश पर, एक दर्जन प्रशासक 2,400 लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग करके 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार और अत्याचार कर रहे हैं।
पति की गिरफ्तारी के बाद से आक्रामक हो गईं गीतांजलि
बता दें कि गीतांजलि अंग्मो ने गृह मंत्रालय और पुलिस की आलोचना ऐसे समय में की है जब 24 सितंबर को हुई हिंसा के जवाब में लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया और पुलिस ने गोलीबारी की, जिसके कारण बाद में उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
गीतांजलि ने आरोप लगाया कि डीजीपी जो भी कह रहे हैं, उनका एक एजेंडा है। वे किसी भी हालत में छठी अनुसूची लागू नहीं करना चाहते और किसी को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तानी मीडिया के मुद्दे पर भी दिया जवाब
संयुक्त राष्ट्र और एक पाकिस्तानी मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के आरोपों पर गीतांजलि वांगचुक ने कहा कि यह बिल्कुल गलत और झूठ है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसी को फंसाने के लिए एक कहानी गढ़ी जा रही है। जब केंद्र शासित प्रदेश सरकार चीनी टैबलेट खरीद रही थी, तब वह (वांगचुक) चीन से गोलियों से नहीं, बल्कि बटुए से निपटने की बात कर रहे थे। ऐसा व्यक्ति राष्ट्र-विरोधी कैसे हो सकता है?
बुधवार को लिखी थी राष्ट्रपति को चिट्ठी
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने बुधवार को राष्ट्रपति को भी एक भावुक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पति की गिरफ्तारी के बाद से उनसे एक बार भी बात नहीं हुई। राष्ट्रपति जी आप तो एक आदिवाली महिला हैं और आप ही आदिवासी का दर्द समझ सकती हैं। कृपया इसपर संज्ञान लीजिए। इससे अलावा गीतांजलि ने जांच एजेंसियों पर आरोप लगाया कि वे पिछले एक महीने से वांगचुक के खिलाफ पूरे पैमाने पर 'विच हंट चला रही हैं। विच हंट का मतलब किसी खास व्यक्ति को चुनकर निशाना बनाना।
गीतांजलि ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर काफी आक्रामक अंदाज में पूछते हुए लिखा कि क्या भारत सचमुच आजाद है? 1857 में, 24000 अंग्रेजों ने महारानी के आदेश पर 30 करोड़ भारतीयों पर अत्याचार करने के लिए 1,35,000 भारतीय सिपाहियों का इस्तेमाल किया था। आज, गृह मंत्रालय के आदेश पर, एक दर्जन प्रशासक 2,400 लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग करके 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार और अत्याचार कर रहे हैं।
पति की गिरफ्तारी के बाद से आक्रामक हो गईं गीतांजलि
बता दें कि गीतांजलि अंग्मो ने गृह मंत्रालय और पुलिस की आलोचना ऐसे समय में की है जब 24 सितंबर को हुई हिंसा के जवाब में लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया और पुलिस ने गोलीबारी की, जिसके कारण बाद में उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
गीतांजलि ने आरोप लगाया कि डीजीपी जो भी कह रहे हैं, उनका एक एजेंडा है। वे किसी भी हालत में छठी अनुसूची लागू नहीं करना चाहते और किसी को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तानी मीडिया के मुद्दे पर भी दिया जवाब
संयुक्त राष्ट्र और एक पाकिस्तानी मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के आरोपों पर गीतांजलि वांगचुक ने कहा कि यह बिल्कुल गलत और झूठ है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसी को फंसाने के लिए एक कहानी गढ़ी जा रही है। जब केंद्र शासित प्रदेश सरकार चीनी टैबलेट खरीद रही थी, तब वह (वांगचुक) चीन से गोलियों से नहीं, बल्कि बटुए से निपटने की बात कर रहे थे। ऐसा व्यक्ति राष्ट्र-विरोधी कैसे हो सकता है?
बुधवार को लिखी थी राष्ट्रपति को चिट्ठी
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने बुधवार को राष्ट्रपति को भी एक भावुक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पति की गिरफ्तारी के बाद से उनसे एक बार भी बात नहीं हुई। राष्ट्रपति जी आप तो एक आदिवाली महिला हैं और आप ही आदिवासी का दर्द समझ सकती हैं। कृपया इसपर संज्ञान लीजिए। इससे अलावा गीतांजलि ने जांच एजेंसियों पर आरोप लगाया कि वे पिछले एक महीने से वांगचुक के खिलाफ पूरे पैमाने पर 'विच हंट चला रही हैं। विच हंट का मतलब किसी खास व्यक्ति को चुनकर निशाना बनाना।
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