Next Story
Newszop

फिलिस्तीनी मुसलमानों की मदद के नाम पर फंडिंग का खेल, सहारनपुर का एनजीओ पुलिस और एटीएस की रडार पर

Send Push
रामबाबू मित्तल, मेरठ/सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में फिलिस्तीनी मुसलमानों की मदद के नाम पर विदेशी फंडिंग का मामला सामने आया है। गोपनीय शिकायत के बाद सहारनपुर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें एक स्थानीय एनजीओ का नाम सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, इस एनजीओ के जरिए चार से पांच युवक सक्रिय हैं, जिनमें से दो ने फेसबुक पेज बनाकर लोगों से संपर्क साधने और फंड जुटाने की कोशिश की है।



जानकारी के अनुसार, कोतवाली देवबंद क्षेत्र के एक व्यक्ति ने एसएसपी को गोपनीय पत्र भेजकर इस गतिविधि की शिकायत की थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मेरठ और हापुड़ के धौलाना क्षेत्र के कुछ युवक इस एनजीओ का संचालन कर रहे हैं। इसकी आड़ में विदेश से खातों में रकम मंगाकर दंगा भड़काने की योजना बनाई जा रही है। इनमें से हापुड़ निवासी एक युवक सहारनपुर में मेडिकल की पढ़ाई भी कर रहा है।



विदेशी फंडिंग और भीड़ जुटाने का आरोप

सूत्रों का कहना है कि गोपनीय पत्र में फिलिस्तीन के समर्थन में रुपये देकर मुस्लिमों की भीड़ जुटाने का भी जिक्र है। आरोप है कि बंगाल के रास्ते हवाला के जरिए नकद धनराशि मंगाई जा रही है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को फेसबुक पेजों पर अपलोड वीडियो और खातों की ट्रांजैक्शन जानकारी भी सौंपी है, जिनसे मुस्लिम समुदाय की मदद के नाम पर पैसा जमा करने के सबूत मिलते हैं।



खुफिया विभाग और एटीएस अलर्ट

मामले के खुलासे के बाद खुफिया विभाग और आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) भी सक्रिय हो गए हैं। सहारनपुर के एसएसपी आकाश तिवारी ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए सीओ नकुड़ एसएन वैभव कृष्ण को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस हर बिंदु पर छानबीन कर रही है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।



मेरठ पुलिस का बयान

इस बीच मेरठ के एसपी सिटी आयुष बिक्रम सिंह ने बताया कि सहारनपुर पुलिस ने इस मामले में अभी तक मेरठ पुलिस से कोई औपचारिक संपर्क नहीं किया है। अगर इस मामले में संपर्क करते है तो पूरा सहयोग किया जाएगा। हालांकि, मामला संवेदनशील होने के कारण दोनों जिलों की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।



जांच में कई कड़ियां जुड़ने की संभावना

पुलिस सूत्रों के अनुसार, एनजीओ से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। फंडिंग के स्रोत, लेन-देन के तरीके और संभावित साजिश की पड़ताल की जा रही है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि फंड का इस्तेमाल वास्तव में किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा था और क्या इसका कोई संबंध किसी बड़े नेटवर्क से है।

Loving Newspoint? Download the app now