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बिहार में मतदाता सूची सत्यापन तेज, निर्वाचन आयोग ने 'SIR' में लगे कर्मियों के तबादले पर लगाई रोक!

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पटना: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव 2025 होना है। चुनाव में अब कुछ महीनों का वक्त बचा है। इसके पहले बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन का काम पूरे जोर-शोर से चल रहा है। 25 जुलाई 2025 तक गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। बीएलओ इस काम में युद्धस्तर पर जुटे हैं। इसी बीच निर्वाचन आयोग ने बड़ा निर्णय लेते हुए मतदाता पुनरीक्षण कार्य से जुड़े किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। यह आदेश मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा को लागू कराने की जिम्मेदारी दी गई है।





मुख्य सचिव ने सभी विभागों को जारी किया पत्र

निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र जारी कर सूचित किया है कि पुनरीक्षण कार्य से जुड़े किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निर्वाचन से संबंधित सभी पद जैसे डीईओ, ईआरओ, एईआरओ आदि खाली नहीं होने चाहिए और आयोग की स्वीकृति के बिना किसी भी पदाधिकारी का ट्रांसफर न किया जाए।



शिक्षक, सेविका, पंचायत सचिव बने बीएलओ

मतदाता सत्यापन कार्य में बीएलओ और सुपरवाइजर की अहम भूमिका होती है। बीएलओ के तौर पर शिक्षक, विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका, पंचायत सचिव, कचहरी सचिव और टोला सेवक जैसे सरकारी कर्मचारी तैनात हैं। इनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग से काम में बाधा आ रही थी। इसे देखते हुए आयोग ने स्पष्ट रूप से इन सभी के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है ताकि मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य पूरी सफलता से हो सके।

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