रामबाबू मित्तल, सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शनिवार को नगर निगम ने सपना टॉकीज के पास स्थित एक मस्जिद और मदरसे को बुलडोजर से ढहा दिया। निगम का दावा है कि यह निर्माण सिंचाई विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया था, जिससे स्मार्ट सिटी योजना के तहत बन रहे एक महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कार्य बाधित हो रहा था।
दूसरी ओर, मस्जिद और मदरसे के संचालकों का कहना है कि यह जमीन वक्फ की संपत्ति है और उनके पास इसका कानूनी प्रमाण है। इस कार्रवाई ने स्थानीय स्तर पर तनाव पैदा कर दिया है, और संचालक अब हाई कोर्ट का रुख करने की तैयारी में हैं।
क्या हुआ कार्रवाई के दौरान?नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल और दो बुलडोजरों के साथ सुबह मौके पर पहुंची। कार्रवाई शुरू होते ही आधी मस्जिद और पूरा मदरसा कुछ ही घंटों में जमींदोज कर दिया गया। इसके अलावा, आसपास के करीब एक दर्जन कच्चे-पक्के निर्माण और टिन शेड भी ध्वस्त किए गए। स्थानीय लोग और मदरसा संचालक विरोध में उतरे, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण उनकी एक न चली।
वक्फ की जमीन, कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष मेंमदरसे के संचालक डॉ. मुस्तकीम और कादिर हुसैन ने बताया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है और उनके पास इसके दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, एसडीएम सदर, और नगर निगम को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
संचालकों का दावा है कि उन्होंने सिंचाई विभाग के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ा और फैसला उनके पक्ष में आया था। इसके बावजूद, बिना किसी पूर्व नोटिस के यह कार्रवाई की गई। डॉ. मुस्तकीम ने कहा, हमने नगरायुक्त और अन्य अधिकारियों को कॉल करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। नगरायुक्त का फोन तो बंद था।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमणनगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह जमीन पूरी तरह से सरकारी है और राजस्व विभाग की रिपोर्ट में भी इसे सिंचाई विभाग की संपत्ति बताया गया है। निगम के मुताबिक, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ढमोला नदी पर बन रहा पुल इस अतिक्रमण की वजह से रुका हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि एक दिन पहले मुनादी कर अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी। स्मार्ट सिटी के जीएम दिनेश सिंघल, प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र सिंह, संपत्ति सुरक्षा अधिकारी हरि प्रकाश कसाना, और प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल एचबी गुरुंग इस कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे।
पुल निर्माण का महत्वनगर निगम के अनुसार, ढमोला नदी पर बन रहा यह पुल पुराने शहर को देहरादून रोड से जोड़ेगा, जिससे घंटाघर क्षेत्र में लगने वाले भीषण जाम से राहत मिलेगी। यह पुल जोगियान पुल से होकर राकेश सिनेमा के सामने देहरादून रोड तक सीधा रास्ता प्रदान करेगा। निगम ने इसे शहर के विकास के लिए जरूरी कदम बताया है।
इस कार्रवाई को लेकर जहां नगर निगम इसे स्मार्ट सिटी योजना के तहत विकास का जरूरी कदम बता रहा है, वहीं संचालक इसे धार्मिक और कानूनी अधिकारों का हनन मानते हुए हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी ओर, मस्जिद और मदरसे के संचालकों का कहना है कि यह जमीन वक्फ की संपत्ति है और उनके पास इसका कानूनी प्रमाण है। इस कार्रवाई ने स्थानीय स्तर पर तनाव पैदा कर दिया है, और संचालक अब हाई कोर्ट का रुख करने की तैयारी में हैं।
क्या हुआ कार्रवाई के दौरान?नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल और दो बुलडोजरों के साथ सुबह मौके पर पहुंची। कार्रवाई शुरू होते ही आधी मस्जिद और पूरा मदरसा कुछ ही घंटों में जमींदोज कर दिया गया। इसके अलावा, आसपास के करीब एक दर्जन कच्चे-पक्के निर्माण और टिन शेड भी ध्वस्त किए गए। स्थानीय लोग और मदरसा संचालक विरोध में उतरे, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण उनकी एक न चली।
वक्फ की जमीन, कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष मेंमदरसे के संचालक डॉ. मुस्तकीम और कादिर हुसैन ने बताया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है और उनके पास इसके दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, एसडीएम सदर, और नगर निगम को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
संचालकों का दावा है कि उन्होंने सिंचाई विभाग के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा लड़ा और फैसला उनके पक्ष में आया था। इसके बावजूद, बिना किसी पूर्व नोटिस के यह कार्रवाई की गई। डॉ. मुस्तकीम ने कहा, हमने नगरायुक्त और अन्य अधिकारियों को कॉल करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। नगरायुक्त का फोन तो बंद था।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमणनगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह जमीन पूरी तरह से सरकारी है और राजस्व विभाग की रिपोर्ट में भी इसे सिंचाई विभाग की संपत्ति बताया गया है। निगम के मुताबिक, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ढमोला नदी पर बन रहा पुल इस अतिक्रमण की वजह से रुका हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि एक दिन पहले मुनादी कर अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी। स्मार्ट सिटी के जीएम दिनेश सिंघल, प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र सिंह, संपत्ति सुरक्षा अधिकारी हरि प्रकाश कसाना, और प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल एचबी गुरुंग इस कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे।
पुल निर्माण का महत्वनगर निगम के अनुसार, ढमोला नदी पर बन रहा यह पुल पुराने शहर को देहरादून रोड से जोड़ेगा, जिससे घंटाघर क्षेत्र में लगने वाले भीषण जाम से राहत मिलेगी। यह पुल जोगियान पुल से होकर राकेश सिनेमा के सामने देहरादून रोड तक सीधा रास्ता प्रदान करेगा। निगम ने इसे शहर के विकास के लिए जरूरी कदम बताया है।
इस कार्रवाई को लेकर जहां नगर निगम इसे स्मार्ट सिटी योजना के तहत विकास का जरूरी कदम बता रहा है, वहीं संचालक इसे धार्मिक और कानूनी अधिकारों का हनन मानते हुए हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
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