मेगास्टार...शहंशाह..सदी के महानायक...बिग बी... आज अमिताभ बच्चन को न जाने किन-किन नामों से बुलाया जाता है। आज हर कोई उनके साथ काम करने को बेताब रहता है, पर कभी ऐसा भी वक्त था, जब उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थीं। कोई एक्ट्रेस भी अमिताभ के साथ काम करने को राजी नहीं थी। जो भी प्रोड्यूसर अमिताभ को देखता मुंह बिचकाने लगता। फिर आई 'जंजीर', जिसने ऐसा तहलका मचाया कि अमिताभ बच्चन की किस्मत ही पलट गई। जो कभी अमिताभ से मुंह फेर लेते थे और उन्हें 'पनौती' मानने लगे थे, वो तक उनके आगे हाथ जोड़े खड़े रहने लगे। जिस एक्टर पर 'फ्लॉप के ठप्पे' के कारण कोई निर्माता-निर्देशक तक साथ काम नहीं करना चाहता था, वह रातोंरात स्टार बन गया था। खुद अमिताभ को भी यकीन नहीं हुआ। जिस फिल्म के टिकट को कोई 5 रुपये में भी खरीदने को राजी नहीं था, उसके टिकट 20 गुना अधिक दाम पर बिके। इस चक्कर में उन्हें 104 डिग्री बुखार तक हो गया था। लेकिन उस दिन प्राण ने वो बात ना कही होती तो भारतीय सिनेमा को कभी 'एंग्री यंग मैन' अमिताभ बच्चन नहीं मिल पाता। 'संडे सिनेमा' में आपके लिए इसी 'जंजीर' के दिलचस्प और अनोखे किस्से लेकर आए हैं।
लगातार 11-16 फ्लॉप फिल्में, गर्त में जा रहा था करियर
अमिताभ बच्चन को करियर में खूब स्ट्रगल करना पड़ा और काफी रिजेक्शन झेला। जिस आवाज पर आज पूरी दुनिया फिदा है, उसी के कारण अमिताभ को रिजेक्ट कर दिया गया था। खूब ताने भी मारे गए। साल 1969 में जब पहली फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' रिलीज हुई तो बुरी तरह फ्लॉप रही। इसके बाद वह 'रेशमा और शेरा' जैसी दर्जनों फिल्मों में नजर आए, और वो सभी एक के बाद एक फ्लॉप हो गईं। अमिताभ का करियर एकदम गर्त में जा रहा था।
आवाज और टांगों पर ताने, हीरोइनें कर रही थीं रिजेक्ट...फिर पलटी किस्मत
निर्माता-निर्देशक और हीरोइनें तक उनके साथ काम करने में कतराने लगी थीं। कभी अमिताभ को आवाज के कारण ताने मारे गए तो कभी उनकी लंबी-पतली टांगों के कारण रिजेक्ट किया गया। अमिताभ जहां भी हाथ-पैर मार रहे थे, निराशा ही हाथ लग रही थी। फिर आया साल 1973...तब प्रकाश मेहरा 'जंजीर' के लिए कास्टिंग कर रहे थे। फिल्म की कहानी एक एंग्री यंग मैन की थी, जिसमें रोमांस या रोमांटिक एंगल की गुंजाइश तक नहीं थी। ऐसे में प्रकाश मेहरा कई बड़े एक्टर्स के पास गए, पर हर किसी ने वो फिल्म रिजेक्ट कर दी। इससे वह बुरी तरह हताश हो गए थे।
70s के हर बड़े स्टार ने 'जंजीर' ठुकराई, कोई हीरोइन राजी नहीं थी
सलीम खान ने डॉक्यूमेंट्री सीरीज 'एंग्री यंग मैन' में फराह खान से बातचीत में बताया है कि 70 के दशक के हर बड़े स्टार ने 'जंजीर' ठुकरा दी थी। बकौल सलीम खान, 'दिलीप साहब से लेकर धर्मेंद्र और राजकुमार तक...सबने फिल्म ठुकरा दी। हमें कोई हीरो नहीं मिल रहा था। कोई हीरोइन ही फिल्म में काम नहीं करना चाहती थी।'
प्राण की कही वो बात काम कर गई और अमिताभ 'जंजीर' में आ गए
तब प्राण ने प्रकाश मेहरा और सलीम-जावेद को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया। प्राण ने प्रकाश मेहरा से कहा कि वह अमिताभ की कुछ फिल्में देख लें और फिर फैसला करें। उसकी फिल्में फ्लॉप जरूर हो रही हैं, पर उसमें कुछ खास बात है। उसे एक सही फिल्म की तलाश है। इसके बाद प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को 'जंजीर' के लिए साइन कर लिया।
जया भादुड़ी के बिना भी नहीं मिलता 'एंग्री यंग मैन', फिल्म हिट करानी है तो...
अब हीरो तो मिल गया, पर कोई हीरोइन नहीं मिल रही थी। कोई भी अमिताभ के साथ काम नहीं करना चाहती थी। तब सलीम-जावेद ने जया भादुड़ी (अब बच्चन) को अप्रोच किया। उस वक्त जया भादुड़ी बड़ी स्टार थीं, पर कहीं न कहीं वह जानती थीं कि 'जंजीर' के बाद अमिताभ का करियर उड़ान भरेगा। सलीम जावेद के मुताबिक, वह जानते थे कि जया 'जंजीर' में काम करने से मना नहीं करेंगी। अगर फिल्म को हिट कराना है और बेचना है, तो उसमें जया को लेना ही पड़ेगा। हुआ भी यही। जया को यह साफ-साफ बता दिया गया कि फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा है और उनके करने के लिए कुछ खास नहीं होगा, बस वह अमिताभ के लिए हां कर दें, ताकि उन्हें एक मौका मिल जाए। सलीम जावेद के मुताबिक, जया ने 'जंजीर' में काम करने के लिए सिर्फ और सिर्फ अमिताभ की वजह से हां कही थी।
'जंजीर' के लिए कोई लीड क्यों नहीं मिल रहा था? जावेद अख्तर ने बताया था
वहीं, जावेद अख्तर ने बताया कि उनकी 'जंजीर' को उस वक्त कोई लीड हीरो इसलिए भी नहीं मिल रहा था, क्योंकि तब राजेश खन्ना और आरडी बर्मन का दौर था। खूब रोमांटिक और म्यूजिकल फिल्में बनती थीं। लेकिन सलीम-जावेद की फिल्मों का हीरो न तो गाने गाता था, ना रोमांस करता और ना ही कॉमेडी। इसलिए कोई भी हीरो उनकी फिल्मों में काम नहीं करना चाहता था।
जैसे ही अमिताभ को लेने की सोचते, उनकी फिल्म पिट जाती
जावेद अख्तर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि वह और सलीम जब भी 'जंजीर' में अमिताभ को साइन करने के बारे में सोचते तो उनकी फिल्म पिट जाती। प्रकाश मेहरा भी दुखी हो जाते। लेकिन जब कोई एक्टर नहीं मिला, तो अमिताभ को ही 'जंजीर' में विजय के रोल में कास्ट करना पड़ा।
प्रकाश मेहरा को मिले ताने, लोग हंसते और कहते- कौन बेवकूफ हीरो है
हालांकि, अमिताभ को 'जंजीर' के लिए चुनने पर प्रकाश मेहरा को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि ये फिल्म फ्लॉप होगी। स्थिति ऐसी थी कि प्रकाश मेहरा के पास न तो डिस्ट्रिब्यूटर्स थे और ना ही फाइनेंसर। कोई भी 'जंजीर' में पैसा लगाने को राजी नहीं था। प्रकाश मेहरा पर लोग हंसते और चिढ़ाते कि ये लंबा और बेवकूफ हीरो कौन है? अमिताभ भी इस तरह की आलोचना पर रो पड़ते थे।
रिलीज हुई तो पहले 4 दिन बुरा हाल, पांचवे दिन हुआ करिश्मा
जब 'जंजीर' रिलीज हुई, तो बॉम्बे में इतना बुरा हाल रहा कि प्रकाश मेहरा और अमिताभ निराश हो गए। शुरू के चार दिन तो फिल्म ने ऐसा परफॉर्म किया कि लगा ये बुरी तरह फ्लॉप है। लेकिन चार दिन बाद ऐसा कमाल हुआ कि 5 रुपये का टिकट 100 रुपये में बिकने लगा था। प्रकाश मेहरा ने बताया था कि गेएटी गैलेक्सी सिनेमा के सामने टिकट खिड़की पर लोग लंबी लाइन लगाए खड़े थे। वहां 5 रुपये का टिकट 100 रुपये में यानी 20 गुना ज्यादा दाम में बिक रहा था।
अमिताभ के रूप में नया स्टार जन्म ले चुका था...और 104 डिग्री बुखार था
फिल्म सुपरहिट होने की राह पर थी, और अमिताभ की तारीफ होनी शुरू हो गई थी। वह रातोंरात स्टार बन गए थे, जिसे देख उन्हें 104 डिग्री बुखार आ गया था। अमिताभ बच्चन को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह एक स्टार बन चुके हैं और बॉलीवुड में एक नए कलेवर के स्टार का उदय हो चुका है।
लगातार 11-16 फ्लॉप फिल्में, गर्त में जा रहा था करियर
अमिताभ बच्चन को करियर में खूब स्ट्रगल करना पड़ा और काफी रिजेक्शन झेला। जिस आवाज पर आज पूरी दुनिया फिदा है, उसी के कारण अमिताभ को रिजेक्ट कर दिया गया था। खूब ताने भी मारे गए। साल 1969 में जब पहली फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' रिलीज हुई तो बुरी तरह फ्लॉप रही। इसके बाद वह 'रेशमा और शेरा' जैसी दर्जनों फिल्मों में नजर आए, और वो सभी एक के बाद एक फ्लॉप हो गईं। अमिताभ का करियर एकदम गर्त में जा रहा था।

आवाज और टांगों पर ताने, हीरोइनें कर रही थीं रिजेक्ट...फिर पलटी किस्मत
निर्माता-निर्देशक और हीरोइनें तक उनके साथ काम करने में कतराने लगी थीं। कभी अमिताभ को आवाज के कारण ताने मारे गए तो कभी उनकी लंबी-पतली टांगों के कारण रिजेक्ट किया गया। अमिताभ जहां भी हाथ-पैर मार रहे थे, निराशा ही हाथ लग रही थी। फिर आया साल 1973...तब प्रकाश मेहरा 'जंजीर' के लिए कास्टिंग कर रहे थे। फिल्म की कहानी एक एंग्री यंग मैन की थी, जिसमें रोमांस या रोमांटिक एंगल की गुंजाइश तक नहीं थी। ऐसे में प्रकाश मेहरा कई बड़े एक्टर्स के पास गए, पर हर किसी ने वो फिल्म रिजेक्ट कर दी। इससे वह बुरी तरह हताश हो गए थे।
70s के हर बड़े स्टार ने 'जंजीर' ठुकराई, कोई हीरोइन राजी नहीं थी
सलीम खान ने डॉक्यूमेंट्री सीरीज 'एंग्री यंग मैन' में फराह खान से बातचीत में बताया है कि 70 के दशक के हर बड़े स्टार ने 'जंजीर' ठुकरा दी थी। बकौल सलीम खान, 'दिलीप साहब से लेकर धर्मेंद्र और राजकुमार तक...सबने फिल्म ठुकरा दी। हमें कोई हीरो नहीं मिल रहा था। कोई हीरोइन ही फिल्म में काम नहीं करना चाहती थी।'
प्राण की कही वो बात काम कर गई और अमिताभ 'जंजीर' में आ गए
तब प्राण ने प्रकाश मेहरा और सलीम-जावेद को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया। प्राण ने प्रकाश मेहरा से कहा कि वह अमिताभ की कुछ फिल्में देख लें और फिर फैसला करें। उसकी फिल्में फ्लॉप जरूर हो रही हैं, पर उसमें कुछ खास बात है। उसे एक सही फिल्म की तलाश है। इसके बाद प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को 'जंजीर' के लिए साइन कर लिया।
जया भादुड़ी के बिना भी नहीं मिलता 'एंग्री यंग मैन', फिल्म हिट करानी है तो...
अब हीरो तो मिल गया, पर कोई हीरोइन नहीं मिल रही थी। कोई भी अमिताभ के साथ काम नहीं करना चाहती थी। तब सलीम-जावेद ने जया भादुड़ी (अब बच्चन) को अप्रोच किया। उस वक्त जया भादुड़ी बड़ी स्टार थीं, पर कहीं न कहीं वह जानती थीं कि 'जंजीर' के बाद अमिताभ का करियर उड़ान भरेगा। सलीम जावेद के मुताबिक, वह जानते थे कि जया 'जंजीर' में काम करने से मना नहीं करेंगी। अगर फिल्म को हिट कराना है और बेचना है, तो उसमें जया को लेना ही पड़ेगा। हुआ भी यही। जया को यह साफ-साफ बता दिया गया कि फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा है और उनके करने के लिए कुछ खास नहीं होगा, बस वह अमिताभ के लिए हां कर दें, ताकि उन्हें एक मौका मिल जाए। सलीम जावेद के मुताबिक, जया ने 'जंजीर' में काम करने के लिए सिर्फ और सिर्फ अमिताभ की वजह से हां कही थी।
'जंजीर' के लिए कोई लीड क्यों नहीं मिल रहा था? जावेद अख्तर ने बताया था
वहीं, जावेद अख्तर ने बताया कि उनकी 'जंजीर' को उस वक्त कोई लीड हीरो इसलिए भी नहीं मिल रहा था, क्योंकि तब राजेश खन्ना और आरडी बर्मन का दौर था। खूब रोमांटिक और म्यूजिकल फिल्में बनती थीं। लेकिन सलीम-जावेद की फिल्मों का हीरो न तो गाने गाता था, ना रोमांस करता और ना ही कॉमेडी। इसलिए कोई भी हीरो उनकी फिल्मों में काम नहीं करना चाहता था।
जैसे ही अमिताभ को लेने की सोचते, उनकी फिल्म पिट जाती
जावेद अख्तर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि वह और सलीम जब भी 'जंजीर' में अमिताभ को साइन करने के बारे में सोचते तो उनकी फिल्म पिट जाती। प्रकाश मेहरा भी दुखी हो जाते। लेकिन जब कोई एक्टर नहीं मिला, तो अमिताभ को ही 'जंजीर' में विजय के रोल में कास्ट करना पड़ा।

प्रकाश मेहरा को मिले ताने, लोग हंसते और कहते- कौन बेवकूफ हीरो है
हालांकि, अमिताभ को 'जंजीर' के लिए चुनने पर प्रकाश मेहरा को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि ये फिल्म फ्लॉप होगी। स्थिति ऐसी थी कि प्रकाश मेहरा के पास न तो डिस्ट्रिब्यूटर्स थे और ना ही फाइनेंसर। कोई भी 'जंजीर' में पैसा लगाने को राजी नहीं था। प्रकाश मेहरा पर लोग हंसते और चिढ़ाते कि ये लंबा और बेवकूफ हीरो कौन है? अमिताभ भी इस तरह की आलोचना पर रो पड़ते थे।
रिलीज हुई तो पहले 4 दिन बुरा हाल, पांचवे दिन हुआ करिश्मा
जब 'जंजीर' रिलीज हुई, तो बॉम्बे में इतना बुरा हाल रहा कि प्रकाश मेहरा और अमिताभ निराश हो गए। शुरू के चार दिन तो फिल्म ने ऐसा परफॉर्म किया कि लगा ये बुरी तरह फ्लॉप है। लेकिन चार दिन बाद ऐसा कमाल हुआ कि 5 रुपये का टिकट 100 रुपये में बिकने लगा था। प्रकाश मेहरा ने बताया था कि गेएटी गैलेक्सी सिनेमा के सामने टिकट खिड़की पर लोग लंबी लाइन लगाए खड़े थे। वहां 5 रुपये का टिकट 100 रुपये में यानी 20 गुना ज्यादा दाम में बिक रहा था।
अमिताभ के रूप में नया स्टार जन्म ले चुका था...और 104 डिग्री बुखार था
फिल्म सुपरहिट होने की राह पर थी, और अमिताभ की तारीफ होनी शुरू हो गई थी। वह रातोंरात स्टार बन गए थे, जिसे देख उन्हें 104 डिग्री बुखार आ गया था। अमिताभ बच्चन को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह एक स्टार बन चुके हैं और बॉलीवुड में एक नए कलेवर के स्टार का उदय हो चुका है।
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