नई दिल्ली : टेलीग्राम के जरिए ऑनलाइन टास्क के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का साइबर थाना पुलिस ने भंडाफोड़ कर एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 6 मोबाइल फोन, 6 सिम कार्ड, बैंक चेक बुक, एटीएम कार्ड आदि बरामद हुए हैं। इनकी पहचान कृष, निधि अग्रवाल, दीपक उर्फ सन्नी, गौरव और मंथन के तौर पर हुई है।
पुलिस ने ठगों को किया गिरफ्तार
DCP राजा बांठिया ने बताया कि बुराड़ी की रहने वाली 29 वर्षीय पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह नौकरी की तलाश में थीं। उनके साथ टेलीग्राम के जरिए फर्जी वर्क फ्रॉम होम टास्क का झांसा देकर 17.29 लाख की धोखाधड़ी की गई। उन्हें ऑनलाइन फर्जी काम करने और कमीशन के नाम पर बार-बार UPI भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया। मोबाइल नंबर और पहचान का दुरुपयोग कर दो बैंकों से 8.8 लाख का लोन भी ले लिया। 2 जुलाई को साइबर थाना पुलिस में मामला दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर रोहित गहलोत के नेतृत्व में टीम बनाई गई।
बिना लाइसेंस के चलाता था इस टोकन का कारोबार
जांच में पता चला कि धोखाधड़ी की रकम मूल खातों के जरिए क्रिप्टो करेंसी में बदली गई और टेलीग्राम के माध्यम से विदेशों में बैठे क्रिप्टो खरीदारों को भेजी गई। उसके बाइ कई स्थानों पर छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि कृष मुख्य आरोपी है, जिसने यूपीआई आईडी और बैंक खाता डिटेल्स एकत्रित कर क्रिप्टो खरीदारों को भेजा। जबकि निधि अग्रवाल (क्रिप्टो क्वीन) क्रिप्टो करेंसी हैंडलर है, जिसने बिना लाइसेंस के USDT टोकन का कारोबार किया। दीपक उर्फ सन्नी खाते उपलब्ध कराने वालों की पहचान करता था और नकद लेन-देन का काम करता था। गौरव मध्यस्थता का काम करता है। वह अन्य खाताधारकों को जोड़ता था। वहीं मंथन अपना बैंक खाता फ्रॉड के लिए इस्तेमाल करने के लिए दिया।
पुलिस ने ठगों को किया गिरफ्तार
DCP राजा बांठिया ने बताया कि बुराड़ी की रहने वाली 29 वर्षीय पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह नौकरी की तलाश में थीं। उनके साथ टेलीग्राम के जरिए फर्जी वर्क फ्रॉम होम टास्क का झांसा देकर 17.29 लाख की धोखाधड़ी की गई। उन्हें ऑनलाइन फर्जी काम करने और कमीशन के नाम पर बार-बार UPI भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया। मोबाइल नंबर और पहचान का दुरुपयोग कर दो बैंकों से 8.8 लाख का लोन भी ले लिया। 2 जुलाई को साइबर थाना पुलिस में मामला दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर रोहित गहलोत के नेतृत्व में टीम बनाई गई।
बिना लाइसेंस के चलाता था इस टोकन का कारोबार
जांच में पता चला कि धोखाधड़ी की रकम मूल खातों के जरिए क्रिप्टो करेंसी में बदली गई और टेलीग्राम के माध्यम से विदेशों में बैठे क्रिप्टो खरीदारों को भेजी गई। उसके बाइ कई स्थानों पर छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि कृष मुख्य आरोपी है, जिसने यूपीआई आईडी और बैंक खाता डिटेल्स एकत्रित कर क्रिप्टो खरीदारों को भेजा। जबकि निधि अग्रवाल (क्रिप्टो क्वीन) क्रिप्टो करेंसी हैंडलर है, जिसने बिना लाइसेंस के USDT टोकन का कारोबार किया। दीपक उर्फ सन्नी खाते उपलब्ध कराने वालों की पहचान करता था और नकद लेन-देन का काम करता था। गौरव मध्यस्थता का काम करता है। वह अन्य खाताधारकों को जोड़ता था। वहीं मंथन अपना बैंक खाता फ्रॉड के लिए इस्तेमाल करने के लिए दिया।
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