अमितेश सिंह, गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के मरदह थाना क्षेत्र के सक्कापुर गोविंदपुर कीरत गांव के रहने वाले अर्जुन यादव, सऊदी अरब में एक प्राइवेट कंपनी में पोकलैंड चालक के रूप में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु को दो माह बीत जाने के बावजूद उनका पार्थिव शरीर भारत नहीं पहुंच सका है। परिवार के जीविकोपार्जन के लिए सऊदी अरब गए अर्जुन की मृत्यु 30 अप्रैल 2025 को हो गई थी। लेकिन कंपनी ने अभी तक उनका शव भारत भेजने की कोई कार्रवाई नहीं की है। इस स्थिति से आहत पत्नी सुमित्रा देवी, मासूम बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य शव को घर लाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
सुमित्रा देवी ने बताया कि अगस्त 2024 में अर्जुन की तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी। उन्होंने कंपनी से समुचित इलाज के साथ ही भारत वापसी की गुहार लगाई थी। लेकिन इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद सुमित्रा ने गाजीपुर के जिलाधिकारी, सांसद अफजाल अंसारी, बलिया सांसद सनातन पांडेय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, प्रधानमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों को पचासों पत्र लिखकर अर्जुन को घर वापस लाने की मांग की। कई जनप्रतिनिधियों ने इन पत्रों को संज्ञान में लेते हुए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा।लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अर्जुन की मृत्यु के बाद भी परिवार का इंतजार खत्म नहीं हुआ। दो माह बीत जाने के बावजूद कंपनी ने शव को भारत भेजने में कोई सहयोग नहीं किया। इस बीच, समाजसेवी ब्रजभूषण दुबे ने सक्कापुर गांव पहुंचकर अर्जुन के मासूम बच्चों के साथ सत्याग्रह किया।उन्होंने शासन-प्रशासन से शव को जल्द से जल्द भारत लाने की मांग की। ब्रजभूषण ने बताया कि उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है।
परिवार और समाजसेवियों ने विदेश मंत्रालय, सऊदी अरब में भारतीय दूतावास और संबंधित कंपनी से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। जिससे अर्जुन यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच सके और परिवार अंतिम संस्कार कर सके। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। स्थानीय लोग प्रशासन से प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।
सुमित्रा देवी ने बताया कि अगस्त 2024 में अर्जुन की तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी। उन्होंने कंपनी से समुचित इलाज के साथ ही भारत वापसी की गुहार लगाई थी। लेकिन इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद सुमित्रा ने गाजीपुर के जिलाधिकारी, सांसद अफजाल अंसारी, बलिया सांसद सनातन पांडेय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, प्रधानमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों को पचासों पत्र लिखकर अर्जुन को घर वापस लाने की मांग की। कई जनप्रतिनिधियों ने इन पत्रों को संज्ञान में लेते हुए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा।लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अर्जुन की मृत्यु के बाद भी परिवार का इंतजार खत्म नहीं हुआ। दो माह बीत जाने के बावजूद कंपनी ने शव को भारत भेजने में कोई सहयोग नहीं किया। इस बीच, समाजसेवी ब्रजभूषण दुबे ने सक्कापुर गांव पहुंचकर अर्जुन के मासूम बच्चों के साथ सत्याग्रह किया।उन्होंने शासन-प्रशासन से शव को जल्द से जल्द भारत लाने की मांग की। ब्रजभूषण ने बताया कि उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है।
परिवार और समाजसेवियों ने विदेश मंत्रालय, सऊदी अरब में भारतीय दूतावास और संबंधित कंपनी से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। जिससे अर्जुन यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच सके और परिवार अंतिम संस्कार कर सके। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। स्थानीय लोग प्रशासन से प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।
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