चंडीगढ़: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने प्रदेश में जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है। यह नई व्यवस्था अब प्रदेश की सभी 143 तहसीलों और सब तहसीलों में लागू हो गई है। इस कदम से लोगों को कागजी कार्रवाई के झंझट से आजादी मिलेगी और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। इसके अलावा 25 नवंबर से 'ऑटो म्यूटेशन' की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसका मतलब है कि रजिस्ट्री होते ही खरीदार का नाम भूमि रिकॉर्ड में अपने आप दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अलग से कोई आवेदन या कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी।
3 दिन में 917 पेपरलेस रजिस्ट्री
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक पहल पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पेपर रजिस्ट्री, रजिस्ट्री की जटिल प्रक्रिया और भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। यह व्यवस्था बीते शनिवार से ही पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। इससे पहले 'सेवा पखवाड़े' के तहत लाडवा विधानसभा की बाबैन तहसील से इसकी शुरुआत की गई थी। वहां 29 सितंबर से 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 917 पेपरलेस रजिस्ट्री सफलतापूर्वक की गईं।
हरियाणा में बीजेपी के 11 साल पूरे
बीजेपी सरकार ने हाल ही में जन सेवा के 11 साल पूरे किए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 'डबल इंजन' सरकार हरियाणा को इनोवेशन (नवाचार), इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) और इंक्लूसिव ग्रोथ (समावेशी विकास) के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि संकल्प पत्र के 217 वादों में से 48 वादों को एक साल में ही पूरा कर दिया गया है और 158 वादों पर काम चल रहा है। इस नई डिजिटल रजिस्ट्री प्रणाली को लागू करने से पहले 500 से ज्यादा रजिस्ट्री का ट्रायल किया गया था। अब सभी रजिस्ट्री केवल डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से ही मान्य होंगी। इससे जालसाजी या दस्तावेज खोने का खतरा पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। तीन नवंबर से पहले खरीदे गए स्टांप पेपर 15 नवंबर तक नए डिजिटल सिस्टम में मान्य रहेंगे।
पेपरलेस रजिस्ट्री से फायदे?
यह पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली भूमि रिकॉर्ड को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल आम आदमी को सुविधा होगी, बल्कि सरकारी कामकाज में भी तेजी आएगी। 'ऑटो म्यूटेशन' की सुविधा से संपत्ति के मालिकाना हक का रिकॉर्ड तुरंत अपडेट हो जाएगा। इससे भविष्य में होने वाली कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकेगा। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में हरियाणा का एक महत्वपूर्ण योगदान है।
सरकारी दफ्तरों के नहीं लगाने होंगे चक्कर
इस नई डिजिटल व्यवस्था से अब जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले रजिस्ट्री कराने के लिए कई तरह के कागजात जमा करने पड़ते थे और प्रक्रिया भी काफी लंबी होती थी। कई बार इसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आती थीं। लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन और डिजिटल हो जाएगा। इससे काम जल्दी होगा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
3 दिन में 917 पेपरलेस रजिस्ट्री
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक पहल पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पेपर रजिस्ट्री, रजिस्ट्री की जटिल प्रक्रिया और भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। यह व्यवस्था बीते शनिवार से ही पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। इससे पहले 'सेवा पखवाड़े' के तहत लाडवा विधानसभा की बाबैन तहसील से इसकी शुरुआत की गई थी। वहां 29 सितंबर से 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 917 पेपरलेस रजिस्ट्री सफलतापूर्वक की गईं।
हरियाणा में बीजेपी के 11 साल पूरे
बीजेपी सरकार ने हाल ही में जन सेवा के 11 साल पूरे किए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 'डबल इंजन' सरकार हरियाणा को इनोवेशन (नवाचार), इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) और इंक्लूसिव ग्रोथ (समावेशी विकास) के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि संकल्प पत्र के 217 वादों में से 48 वादों को एक साल में ही पूरा कर दिया गया है और 158 वादों पर काम चल रहा है। इस नई डिजिटल रजिस्ट्री प्रणाली को लागू करने से पहले 500 से ज्यादा रजिस्ट्री का ट्रायल किया गया था। अब सभी रजिस्ट्री केवल डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से ही मान्य होंगी। इससे जालसाजी या दस्तावेज खोने का खतरा पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। तीन नवंबर से पहले खरीदे गए स्टांप पेपर 15 नवंबर तक नए डिजिटल सिस्टम में मान्य रहेंगे।
पेपरलेस रजिस्ट्री से फायदे?
यह पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली भूमि रिकॉर्ड को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल आम आदमी को सुविधा होगी, बल्कि सरकारी कामकाज में भी तेजी आएगी। 'ऑटो म्यूटेशन' की सुविधा से संपत्ति के मालिकाना हक का रिकॉर्ड तुरंत अपडेट हो जाएगा। इससे भविष्य में होने वाली कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकेगा। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में हरियाणा का एक महत्वपूर्ण योगदान है।
सरकारी दफ्तरों के नहीं लगाने होंगे चक्कर
इस नई डिजिटल व्यवस्था से अब जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले रजिस्ट्री कराने के लिए कई तरह के कागजात जमा करने पड़ते थे और प्रक्रिया भी काफी लंबी होती थी। कई बार इसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आती थीं। लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन और डिजिटल हो जाएगा। इससे काम जल्दी होगा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
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