NBT रिपोर्ट, नई दिल्लीः आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से मौजूदा समय को देखते हुए और आधुनिक तरीके से निपटने के लिए नॉर्थ ब्लॉक में नया मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) बनाया गया है। शुक्रवार को इसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस सेंटर में आईबी, सीबीआई, दिल्ली पुलिस, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, ऑल स्टेट पुलिस और अन्य तमाम एजेंसियां कनेक्ट की गई हैं। पहले वाले सेंटर की जगह करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए इस नए सेंटर से खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के अलावा मिले इनपुट पर संबंधित एजेंसियों को कैसे तालमेल बिठाकर काम करना है। इसमें भी इसका अहम रोल रहेगा। ऑपरेशन में सुरक्षाबलों का बेहतरीन समन्वयइस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कर्रेगुट्टा पहाड़ी में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी ऑपरेशन में सुरक्षाबलों का बेहतरीन समन्वय रहा। यही तालमेल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखने को मिला। जिससे पता चलता है कि हमारी खुफिया एजेंसियों तथा तीनों सशस्त्र सेनाओं द्वारा कार्य को अंजाम देने की प्रक्रिया और सोच में काफी बेहतर समन्वय है। मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियांउन्होंने कहा कि नया MAC जटिल और परस्पर रूप से जुड़ी मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को एक साथ कार्डिनेट करेगा। नया नेटवर्क, आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के पास जो महत्वपूर्ण डाटाबेस हैं। उन्हें भी इस प्लेटफ़ार्म से जोड़ा जाना चाहिए। जिससे नए MAC का सभी एजेंसी फायदा उठा सकें। डेटा एनेलेसिस की क्वालिटी और अच्छी होगीनए सिस्टम से जनरेट की गई डेटा एनेलेसिस की क्वालिटी और अच्छी होगी। इससे ट्रेंड एनालिसिस एक्यूरेट होगा। हॉटस्पॉट की मैपिंग करने के साथ ही टाइमलाइन एनालेसिस भी हो सकेगा। नया MAC प्लेटफार्म टेरर इकोसिस्टम से लड़ने में बहुत दूरगामी साबित होगा, जो संगठित अपराध से काफी गहराई से जुड़ा हुआ है। हालांकि पुराना MAC सिस्टम 2001 से अस्तित्व में है। लेकिन नया मैक सिस्टम बदलते जमाने की चुनौतियों को देखते हुए तमाम आधुनिक टूल्स के साथ तैयार किया गया है।
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