नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन (रिठाला से न्यू बसअड्डा शहीद स्थल गाजियाबाद) शुक्रवार सुबह 6 बजे से सिग्नलिंग में आई खराबी के कारण इस रूट पर मेट्रो रुक-रुक कर चली। यात्रियों को एक-एक स्टेशन पर मेट्रो के लिए एक-एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ा। सुबह-सुबह आई इस दिक्कत के चलते मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ लग गई।
स्टेशनों पर दिखीं लंबी लाइनें
कई स्टेशनों के बाहर एंट्री के लिए पैसेंजर्स की लंबी कतारें भी दिखीं। सुबह करीब 9:40 बजे तक इस रूट पर मेट्रो का संचालन प्रभावित रहा। यात्रियों ने मेट्रो में आई इस खराबी को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के खराब सिस्टम पर जमकर गुस्सा निकाला।
क्यों आई दिक्कत ?
डीएमआरसी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह रेड लाइन पर वेलकम से पीतमपुरा के बीच अचानक सिग्नलिंग में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसके चलते दोनों स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों का संपर्क कंट्रोल रूम से टूट गया। मेट्रो प्रबंधन ने पहले पूरे सिस्टम को रीस्टार्ट किया लेकिन फिर भी समस्या ठीक नहीं हुई।
बढ़ गया मेट्रो का वेटिंग टाइम
इसके बाद वेलकम व पीतमपुरा के बीच पड़ने वाले 14 स्टेशनों पर मैनुअली सीमित रफ्तार से मेट्रो का परिचालन किया गया। फिर मरम्मत कार्य शुरू हुआ। करीब 10 बजे यह नेटवर्क कंट्रोल रूम से जुड़ पाया। इस समस्या के चलते पूरी लाइन पर ट्रेनों की बंचिंग शुरू हो गई। उसका नतीजा यह हुआ कि ट्रेनों का वेटिंग टाइम बढ़ गया।
1-1 घंटे करना पड़ा इंतजार
पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों की स्पीड पर असर पड़ा। पीक आवर्स के कारण स्टेशनों पर लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई और उधर ट्रेनों का इंतजार भी। यात्रियों की मानें तो गाजियाबाद के मोहन नगर, शहीद स्थल स्टेशन पर एक-एक घंटे का वेटिंग टाइम दिखा रहा था। रोहिणी वेस्ट, दिलशाद गार्डन जैसे स्टेशनों पर भी लोगों को 30-40 मिनट तक मेट्रो का इंतजार करना पड़ा।
दिल्ली मेट्रो के अलग-अलग रूट पर पिछले कुछ साल में तकनीकी खराबी के कारण परिचालन ठप होने के कई मामले आ चुके है। परेशान पैसेंजर्स कई बार सवाल उठा चुके हैं, लेकिन स्थिति सुधर नही रही।
अगर समय पर मिल जाएगी जानकारी
वहीं, स्टेशनों पर भी लोगों को केवल इतना बताया जाता है कि तकनीकी खराबी के चलते यात्रा में विलंब होगा। स्क्रीन पर वेटिंग टाइम भी बढ़ता जाता है। खराबी कितनी गंभीर है, कितनी देर तक दिक्कत रहेगी, ये जानकारी यात्रियों को अगर स्पष्ट रूप से और तुरंत मिल जाए, तो वो स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में अपना समय जाया नहीं करेंगे और भीड़ कम रहेगी।
रात के समय खराबी का पता लगाना मुश्किल
ऐसे में मेट्रो के मेंटिनेंस को लेकर भी कई सवाल उठते हैं। हालांकि, मेंटिनेंस के काम के लिए डीएमआरसी को बहुत कम समय मिलता है। बमुश्किल 4-5 घंटे के अंदर कई किमी लंबी लाइन का मेंटिनेंस करना होता है। ऐसे में रात में ही खराबी की वजह का पता लगा पाना बहुत मुश्किल होता है।
यात्रियों को देना होता है बढ़ा किराया
ऐसे मामलों में गलती यात्री की नहीं होती, बल्कि दिल्ली मेट्रो की होती है। तकनीकी खराबी में यात्री का कोई रोल नहीं होता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें ट्रेन के लिए इंतजार करने के बाद एक्स्ट्रा किराया भी चुकाना पड़ता है।
स्टेशनों पर दिखीं लंबी लाइनें
कई स्टेशनों के बाहर एंट्री के लिए पैसेंजर्स की लंबी कतारें भी दिखीं। सुबह करीब 9:40 बजे तक इस रूट पर मेट्रो का संचालन प्रभावित रहा। यात्रियों ने मेट्रो में आई इस खराबी को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के खराब सिस्टम पर जमकर गुस्सा निकाला।
क्यों आई दिक्कत ?
डीएमआरसी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह रेड लाइन पर वेलकम से पीतमपुरा के बीच अचानक सिग्नलिंग में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसके चलते दोनों स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों का संपर्क कंट्रोल रूम से टूट गया। मेट्रो प्रबंधन ने पहले पूरे सिस्टम को रीस्टार्ट किया लेकिन फिर भी समस्या ठीक नहीं हुई।
बढ़ गया मेट्रो का वेटिंग टाइम
इसके बाद वेलकम व पीतमपुरा के बीच पड़ने वाले 14 स्टेशनों पर मैनुअली सीमित रफ्तार से मेट्रो का परिचालन किया गया। फिर मरम्मत कार्य शुरू हुआ। करीब 10 बजे यह नेटवर्क कंट्रोल रूम से जुड़ पाया। इस समस्या के चलते पूरी लाइन पर ट्रेनों की बंचिंग शुरू हो गई। उसका नतीजा यह हुआ कि ट्रेनों का वेटिंग टाइम बढ़ गया।
1-1 घंटे करना पड़ा इंतजार
पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों की स्पीड पर असर पड़ा। पीक आवर्स के कारण स्टेशनों पर लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई और उधर ट्रेनों का इंतजार भी। यात्रियों की मानें तो गाजियाबाद के मोहन नगर, शहीद स्थल स्टेशन पर एक-एक घंटे का वेटिंग टाइम दिखा रहा था। रोहिणी वेस्ट, दिलशाद गार्डन जैसे स्टेशनों पर भी लोगों को 30-40 मिनट तक मेट्रो का इंतजार करना पड़ा।
दिल्ली मेट्रो के अलग-अलग रूट पर पिछले कुछ साल में तकनीकी खराबी के कारण परिचालन ठप होने के कई मामले आ चुके है। परेशान पैसेंजर्स कई बार सवाल उठा चुके हैं, लेकिन स्थिति सुधर नही रही।
- यात्रियों को स्पष्ट 1 जानकारी क्यों नहीं दी जाती ?
अगर समय पर मिल जाएगी जानकारी
वहीं, स्टेशनों पर भी लोगों को केवल इतना बताया जाता है कि तकनीकी खराबी के चलते यात्रा में विलंब होगा। स्क्रीन पर वेटिंग टाइम भी बढ़ता जाता है। खराबी कितनी गंभीर है, कितनी देर तक दिक्कत रहेगी, ये जानकारी यात्रियों को अगर स्पष्ट रूप से और तुरंत मिल जाए, तो वो स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में अपना समय जाया नहीं करेंगे और भीड़ कम रहेगी।
- रातभर मेंटिनेंस, फिर सुबह से खराबी क्यों ?
रात के समय खराबी का पता लगाना मुश्किल
ऐसे में मेट्रो के मेंटिनेंस को लेकर भी कई सवाल उठते हैं। हालांकि, मेंटिनेंस के काम के लिए डीएमआरसी को बहुत कम समय मिलता है। बमुश्किल 4-5 घंटे के अंदर कई किमी लंबी लाइन का मेंटिनेंस करना होता है। ऐसे में रात में ही खराबी की वजह का पता लगा पाना बहुत मुश्किल होता है।
- यात्रियों से एक्स्ट्रा चार्ज क्यों वसूला जाता है?
यात्रियों को देना होता है बढ़ा किराया
ऐसे मामलों में गलती यात्री की नहीं होती, बल्कि दिल्ली मेट्रो की होती है। तकनीकी खराबी में यात्री का कोई रोल नहीं होता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें ट्रेन के लिए इंतजार करने के बाद एक्स्ट्रा किराया भी चुकाना पड़ता है।
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