हैदराबाद के अमीरपेट एक्सचेंज में भारत ने ब्रॉडबैंड की दुनिया में एक नया अध्याय लिखा है। पिछले दिनों सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड यानी कि BSNL ने Quantum 5G Fixed Wireless Access (FWA) को लॉन्च किया। इस मौके पर हर कोई इस नई टेक्नोलॉजी को BSNL का 5G लॉन्च बता रहा था, जब्कि न तो यह BSNL का साधारण 5G लॉन्च था और न ही यह कोई साधारण टेक्नोलॉजी है। दरअसल यह पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी बिना सिम के फाइबर जैसा तेज इंटरनेट सर्विस देती है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए 5G इंटरनेट रेडियो वेवस के जरिए दिया जाता है। इस लॉन्च के साथ BSNL की लैंडलाइन सेवाएं और 5G से चलने वाले डिवाइस भी अब और ज्यादा स्मार्ट और आधुनिक हो जाएंगे। यह सिर्फ एक नया प्रोडक्ट नहीं है। यह एक तकनीकी उपलब्धि है जो भारत को ग्लोबल टेलीकॉम रेस में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। चलिए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं कि यह टेक्नोलॉजी आखिर कैसे काम करती है?
कैसे काम करता है Quantum 5G FWAएक आम ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए जमीन खोदना फाइबर केबल बिछाना और सिम कार्ड लगाना जरूरी होता है।
वहीं BSNL का Quantum 5G FWA इससे बिल्कुल अलग है। यह एक डायरेक्ट-टू-डिवाइस सिम-लेस तकनीक पर काम करता है, जिससे कोई भी डिवाइस बिना सिम के सीधे नेटवर्क से जुड़ सकता है। इस टेक्नोलॉजी में प्लग-एंड-प्ले कनेक्टिविटी मिलती है। यानी ग्राहक के घर या ऑफिस में एक डिवाइस जिसे कि CPE कहा जाता है, लगाया जाता है। यह डिवाइस खुद-ब-खुद BSNL के सिक्योर नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है। इसमें सिम लगाने की जरूरत भी नहीं होती। बता दें कि हैदराबाद में लॉन्च के दौरान, Quantum FWA ने लगभग 980 Mbps डाउनलोड और 140 Mbps अपलोड स्पीड हासिल की थी। इसके अलावा डेटा में लेटेंसी भी सिर्फ 10 मिलीसेकंड से कम रही। इतनी लेटेंसी आमतौर पर फाइबर नेटवर्क में देखने को मिलती है।
क्यों खास है Quantum 5G FWAइस नई टेक्नोलॉजी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से स्वदेशी है। इसमें इस्तेमाल होने वाला हर एक हिस्सा, चाहे वह कोर नेटवर्क हो, रेडियो यूनिट्स हों या यूजर डिवाइस, हर एक चीज भारतीय कंपनियों ने बनाई है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस लॉन्च के साथ BSNL देश का पहला ऑपरेटर बन गया है जिसने सिम-लेस 5G FWA सेवा को कॉमर्शियल तौर पर लॉन्च किया है।
भारत की बोलेगी तूतीजहां भारत की प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां 5G सेवाओं के लिए विदेशी उपकरणों पर निर्भर हैं, वहीं BSNL का रास्ता बिल्कुल अलग और भविष्य के लिए ज्यादा टिकाऊ साबित हो सकता है। भारत जैसे देश में, जहां हर घर तक फाइबर केबल पहुंचाना महंगा और मुश्किल काम है, वहां BSNL की 5G FWA तकनीक एक सस्ता, तेज और असरदार ऑप्शन बनकर सामने आया है। यह सर्विस देश में पहले से मौजूद मोबाइल टावर नेटवर्क का इस्तेमाल करती है, जिससे नई खुदाई या तार बिछाने की जरूरत नहीं रह जाती। BSNL का दावा है कि हैदराबाद में लगाए गए गेटवे से पहले ही 85% घरों को कवर किया जा रहा है। इसके लिए एक इंच जमीन खोदने की जरूरत नहीं पड़ी।
कैसे काम करता है Quantum 5G FWAएक आम ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए जमीन खोदना फाइबर केबल बिछाना और सिम कार्ड लगाना जरूरी होता है।
वहीं BSNL का Quantum 5G FWA इससे बिल्कुल अलग है। यह एक डायरेक्ट-टू-डिवाइस सिम-लेस तकनीक पर काम करता है, जिससे कोई भी डिवाइस बिना सिम के सीधे नेटवर्क से जुड़ सकता है। इस टेक्नोलॉजी में प्लग-एंड-प्ले कनेक्टिविटी मिलती है। यानी ग्राहक के घर या ऑफिस में एक डिवाइस जिसे कि CPE कहा जाता है, लगाया जाता है। यह डिवाइस खुद-ब-खुद BSNL के सिक्योर नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है। इसमें सिम लगाने की जरूरत भी नहीं होती। बता दें कि हैदराबाद में लॉन्च के दौरान, Quantum FWA ने लगभग 980 Mbps डाउनलोड और 140 Mbps अपलोड स्पीड हासिल की थी। इसके अलावा डेटा में लेटेंसी भी सिर्फ 10 मिलीसेकंड से कम रही। इतनी लेटेंसी आमतौर पर फाइबर नेटवर्क में देखने को मिलती है।
क्यों खास है Quantum 5G FWAइस नई टेक्नोलॉजी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से स्वदेशी है। इसमें इस्तेमाल होने वाला हर एक हिस्सा, चाहे वह कोर नेटवर्क हो, रेडियो यूनिट्स हों या यूजर डिवाइस, हर एक चीज भारतीय कंपनियों ने बनाई है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस लॉन्च के साथ BSNL देश का पहला ऑपरेटर बन गया है जिसने सिम-लेस 5G FWA सेवा को कॉमर्शियल तौर पर लॉन्च किया है।
भारत की बोलेगी तूतीजहां भारत की प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां 5G सेवाओं के लिए विदेशी उपकरणों पर निर्भर हैं, वहीं BSNL का रास्ता बिल्कुल अलग और भविष्य के लिए ज्यादा टिकाऊ साबित हो सकता है। भारत जैसे देश में, जहां हर घर तक फाइबर केबल पहुंचाना महंगा और मुश्किल काम है, वहां BSNL की 5G FWA तकनीक एक सस्ता, तेज और असरदार ऑप्शन बनकर सामने आया है। यह सर्विस देश में पहले से मौजूद मोबाइल टावर नेटवर्क का इस्तेमाल करती है, जिससे नई खुदाई या तार बिछाने की जरूरत नहीं रह जाती। BSNL का दावा है कि हैदराबाद में लगाए गए गेटवे से पहले ही 85% घरों को कवर किया जा रहा है। इसके लिए एक इंच जमीन खोदने की जरूरत नहीं पड़ी।
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