Indian Students Abroad: भारतीय छात्र दुनियाभर में पढ़ाई कर रहे हैं और इनकी संख्या हर साल बढ़ रही है। ये दिखाता है कि भारतीय छात्रों के बीच विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने की दिलचस्पी किस कदर बढ़ती जा रही है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में 18 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि अभी दो साल पहले तक ये संख्या 13 लाख थी। इस तरह सिर्फ दो साल के दरम्यान में छात्रों की संख्या में 5 लाख का इजाफा हुआ है।
अब यहां सवाल उठता है कि भारतीय छात्र सबसे ज्यादा किन देशों में हायर एजुकेशन के लिए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तीन देश ऐसे हैं, जहां भारतीय हायर एजुकेशन के लिए जाना सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसमें अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन शामिल हैं। अमेरिका में 331,602 भारतीय छात्र हैं, जबकि कनाडा में 137,608 और यूके में 98,890 छात्र हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, आयरलैंड, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, यूक्रेन जैसे देशों में भी भारतीय पढ़ रहे हैं।
विदेश में पढ़ने की क्या वजहें हैं?
अब यहां सवाल उठता है कि भारतीय छात्र सबसे ज्यादा किन देशों में हायर एजुकेशन के लिए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तीन देश ऐसे हैं, जहां भारतीय हायर एजुकेशन के लिए जाना सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसमें अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन शामिल हैं। अमेरिका में 331,602 भारतीय छात्र हैं, जबकि कनाडा में 137,608 और यूके में 98,890 छात्र हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, आयरलैंड, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, यूक्रेन जैसे देशों में भी भारतीय पढ़ रहे हैं।
विदेश में पढ़ने की क्या वजहें हैं?
- भारत के टॉप संस्थान, जैसे IIT, IIM और AIIMS, में हाई क्वालिटी शिक्षा तो जरूर मिलती है, लेकिन यहां पर सीटों की संख्या सीमित है। यहां एडमिशन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है, जिस वजह छात्र विदेश में एडमिशन का विकल्प तलाश लगते हैं।
- बेहतर करियर और इमिग्रेशन का ऑप्शन भी छात्रों को विदेश जाने पर मजबूर कर रहा है। विदेशी जॉब होने पर बाहर नौकरी मिलना आसान हो जाता है। अमेरिका और कनाडा जैसे देश पोस्ट-स्टडी वर्क और परमानेंट रेजिडेंसी के रास्ते प्रदान करते हैं, जिससे विदेश में पढ़ाई के बाद बसने का ऑप्शन खुल जाता है।
- सस्ती शिक्षा भी भारतीयों को विदेश में पढ़ने के लिए आकर्षित कर रही है। यूरोप के कई देश ऐसे हैं, जहां भारत के मुकाबले कम फीस में पढ़ाई की जा सकती है। जर्मनी एक ऐसा ही देश है, जहां पर ट्यूशन फीस नहीं देना पड़ता है। स्कॉलरशिप और रहने-खाने के कम खर्चे की वजह से फ्रांस और इटली भी पॉपुलर हो रहे हैं।
- फाइनेंशियल एड और स्कॉलरशिप की वजह से भी भारतीय छात्र विदेश जाते हैं। कई यूनिवर्सिटीज, खासतौर पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की, भारतीय छात्रों को स्कॉलरशिप दे रही हैं। इससे पढ़ाई का खर्च कम हो जाता है और छात्रों को हाई क्वालिटी शिक्षा हासिल करने का मौका मिलता है।
- ग्लोबल एक्सपोजर भी एक महत्वपूर्ण चीज है, जिसकी वजह से भारतीय छात्र विदेश में पढ़ना पसंद कर रहे हैं। छात्रों को विदेश में पढ़ने पर अलग-अलग संस्कृतियों को सीखने का मौका मिलता है। इससे उनकी कम्युनिकेशन स्किल भी सुधरती है और वे नेटवर्किंग कर पाते हैं।
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