नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब महिला कर्मचारी नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। लेकिन इसके लिए उनकी सहमति जरूरी होगी। सरकार ने श्रम विभाग को जरूरी बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मिलकर 'व्यापार करने में आसानी' और 'अधिकतम शासन - न्यूनतम सरकार' जैसी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को कारोबार के लिए बाधा बताया।
श्रम विभाग को नियमों में बदलाव के निर्देशदिल्ली सरकार महिला कर्मचारियों के लिए एक नया नियम लेकर आई है। श्रम विभाग को कहा गया है कि वे महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत दें। लेकिन, यह तभी होगा जब महिलाएं खुद इसके लिए राजी हों। राज निवास के अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग को इस बारे में तुरंत कदम उठाने के लिए कहा गया है।
दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए भी नई पहल
सरकार ने यह भी कहा है कि दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में बदलाव किए जाएं। साथ ही, कारखाना अधिनियम के तहत जरूरी सूचनाएं जारी की जाएं जिससे महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अधिकारियों ने बताया कि महिला कर्मचारियों की नाइट ड्यूटी से जुड़े सरकारी नियमों को भी बदला जाएगा।
श्रम विभाग को एक और बात कही गई है। दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा को एक से बढ़ाकर 10 करने को कहा गया है। इसका मतलब है कि अब कम से कम 10 कर्मचारी होने पर ही दुकानें और प्रतिष्ठान इस अधिनियम का लाभ उठा पाएंगे। इसके साथ ही, दुकानों और प्रतिष्ठानों को पूरे हफ्ते 24 घंटे खुले रहने की इजाजत देने का भी निर्देश दिया गया है। यानी, अब दुकानें और प्रतिष्ठान चाहें तो पूरे हफ्ते बिना किसी रोक-टोक के खुले रह सकते हैं।
अग्निशमन विभाग को भी एक काम सौंपा
अग्निशमन विभाग को भी एक काम सौंपा गया है। उन्हें तीसरे पक्ष के ऑडिट के लिए एजेंसियों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है। आने वाले दिनों में, बड़े कारोबार और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को लिस्टेड एजेंसियों के ऑडिट सर्टिफिकेट पर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) मिल सकती है। वहीं, छोटे कारोबार और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को तीसरे पक्ष के ऑडिट का विकल्प दिया जा सकता है। छोटे कारोबारियों को ऑडिट कराना जरूरी नहीं होगा, वे चाहें तो ही करा सकते हैं।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी की दो बड़ी योजनाओं पर बात हुई। ये योजनाएं हैं 'व्यापार करने में आसानी' और 'अधिकतम शासन - न्यूनतम सरकार'। अधिकारियों ने इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि "जटिल कानूनी प्रक्रियाओं ने कारोबार और आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ने में बाधा पहुंचाई है।" यानी, उन्होंने माना कि मुश्किल कानूनी प्रक्रियाओं की वजह से कारोबार करने में दिक्कतें आ रही हैं।
श्रम विभाग को नियमों में बदलाव के निर्देशदिल्ली सरकार महिला कर्मचारियों के लिए एक नया नियम लेकर आई है। श्रम विभाग को कहा गया है कि वे महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत दें। लेकिन, यह तभी होगा जब महिलाएं खुद इसके लिए राजी हों। राज निवास के अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग को इस बारे में तुरंत कदम उठाने के लिए कहा गया है।
दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए भी नई पहल
सरकार ने यह भी कहा है कि दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में बदलाव किए जाएं। साथ ही, कारखाना अधिनियम के तहत जरूरी सूचनाएं जारी की जाएं जिससे महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अधिकारियों ने बताया कि महिला कर्मचारियों की नाइट ड्यूटी से जुड़े सरकारी नियमों को भी बदला जाएगा।
श्रम विभाग को एक और बात कही गई है। दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा को एक से बढ़ाकर 10 करने को कहा गया है। इसका मतलब है कि अब कम से कम 10 कर्मचारी होने पर ही दुकानें और प्रतिष्ठान इस अधिनियम का लाभ उठा पाएंगे। इसके साथ ही, दुकानों और प्रतिष्ठानों को पूरे हफ्ते 24 घंटे खुले रहने की इजाजत देने का भी निर्देश दिया गया है। यानी, अब दुकानें और प्रतिष्ठान चाहें तो पूरे हफ्ते बिना किसी रोक-टोक के खुले रह सकते हैं।
अग्निशमन विभाग को भी एक काम सौंपा
अग्निशमन विभाग को भी एक काम सौंपा गया है। उन्हें तीसरे पक्ष के ऑडिट के लिए एजेंसियों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है। आने वाले दिनों में, बड़े कारोबार और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को लिस्टेड एजेंसियों के ऑडिट सर्टिफिकेट पर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) मिल सकती है। वहीं, छोटे कारोबार और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को तीसरे पक्ष के ऑडिट का विकल्प दिया जा सकता है। छोटे कारोबारियों को ऑडिट कराना जरूरी नहीं होगा, वे चाहें तो ही करा सकते हैं।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी की दो बड़ी योजनाओं पर बात हुई। ये योजनाएं हैं 'व्यापार करने में आसानी' और 'अधिकतम शासन - न्यूनतम सरकार'। अधिकारियों ने इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि "जटिल कानूनी प्रक्रियाओं ने कारोबार और आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ने में बाधा पहुंचाई है।" यानी, उन्होंने माना कि मुश्किल कानूनी प्रक्रियाओं की वजह से कारोबार करने में दिक्कतें आ रही हैं।
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