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अमेरिका में रो रहे हैं कंप्यूटर साइंस वाले! बेरोजगार बना रहे इंजीनियरिंग के ये ब्रांच, चौंकाने वाली है लिस्ट

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US Engineering Degree Value: इंजीनियरिंग एक ऐसी डिग्री है, जिसकी पॉपुलैरिटी पिछले तीन-चार दशक से सबसे ज्यादा रही है। कंप्यूटर, मैकेनिकल, केमिकल समेत कई सारे सब्जेक्ट्स या कहें ब्रांच में इंजीनियरिंग की जा सकती है। भारत में तो हर साल लाखों स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करते हैं। बहुत से ऐसे भी भारतीय हैं, जो इंजीनियरिंग की डिग्री लेने विदेश जाते हैं। अगर भारतीयों के बीच इंजीनियरिंग के लिए सबसे पॉपुलर देश की बात करें, तो वह अमेरिका है। यहां कई टॉप यूनिवर्सिटीज हैं।
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भारतीय इंजीनियरिंग करने अमेरिका इसलिए जाते थे, क्योंकि उन्हें ग्रेजुएशन के बाद आसानी से जॉब मिल जाती थी। हालांकि, अब अमेरिका का जॉब मार्केट तेजी से बदल रहा है और पहले जिन ब्रांच की पढ़ाई करने पर स्टूडेंट्स को तुरंत नौकरी मिल जाती थी, अब उनसे जुड़ी डिग्रियां होने पर भी नौकरी के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। हाल ही में यूएस सेंसस ब्यूरो के अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे ( IPUMS) ने एक डाटा जारी किया है, जिसमें इंजीनियरिंग ग्रजेुएट्स के बीच फैली बेरोजगारी के बारे में बताया गया है।

कौन सी इंजीनियरिंग ब्रांच बना रही बेरोजगार?
IPUMS की रिपोर्ट में ऐसी इंजीनियरिंग ब्रांच का भी जिक्र किया गया है, जिसे पहले करने पर टेक सेक्टर में तुरंत जॉब मिल जाती थी। मगर अब वही डिग्री होने पर छात्रों को नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आइए जानते हैं कि किस इंजीनियरिंग ब्रांच के स्टूडेंट्स के बीच बेरोजगारी सबसे ज्यादा है।

  • कंप्यूटर इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 7.5%
  • कंप्यूटर साइंस: बेरोजगारी दर 6.1%
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 4.6%
  • जनरल इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 2.4%
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 2.2%
  • केमिकल इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 2.0%
  • इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज: बेरोजगारी दर 1.9%
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 1.5%
  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 1.4%
  • सिविल इंजीनियरिंग: बेरोजगारी दर 1.0%
इंजीनियरिंग से जुड़े इस डेटा को देखने के बाद मालूम चलता है कि सबसे ज्यादा वो स्टूडेंट्स बेरोजगार हैं, जिन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की है। इसी तरह से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी जॉब के लाले पड़े हुए हैं। इसकी एक मुख्य वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) है, जिसके उदय ने टेक सेक्टर में बड़े पैमाने पर छंटनी को रफ्तार दी है। AI के आने के बाद लगभग हर छोटी-बड़ी टेक कंपनी में लोगों की छंटनी की गई है।

इसी तरह से छात्रों के बीच कम पॉपुलर रहने वाली सिविल इंजीनियरिंग में बेरोजगारी दर सबसे कम है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स भी नौकरी के लिए कम परेशान हो रहे हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग भी ऐसी ब्रांच बनकर उभरी है, जिसकी पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को नौकरी के लिए परेशानी नहीं हो रही है।
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