भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकवाद को सधा और करारा जवाब दिया है। भारतीय कार्रवाई सटीक, संतुलित और गैर-उकसावे वाली थी। इसमें भारतीय फौज ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। इस ऑपरेशन के जरिये भारत ने फिर यह संदेश दिया है कि वह युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर कोई उसकी तरफ आंख उठाकर देखेगा तो उसे जवाब देने से भी नहीं हिचकेगा। आतंकी कैंप तबाह: भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इन जगहों का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा और दूसरे आतंकी संगठन कर रहे थे। यहीं पर आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी गई, जिन्होंने भारत में कई कायराना वारदातों को अंजाम दिया। पाकिस्तान को बार-बार इनके बारे में जानकारी दी गई, लेकिन कोई कदम उठाने के बजाय वह इनकी मौजूदगी को ही नकारता रहा। उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपीलों पर भी ध्यान नहीं दिया बल्कि अब तो यह भी साफ है कि भारत पर और हमले करने की साजिश रची जा रही थी। सबसे बड़ी कार्रवाई: 2016 और 2019 में भी भारतीय फौज ने आतंकवादी हमलों के जवाब में क्रमशः सर्जिकल स्ट्राइक और टेरर लॉन्च पैड को निशाना बनाया था। ऑपरेशन सिंदूर 2019 की कार्रवाई से कहीं बड़ी है। इसमें बड़े इलाके में फैले आतंकी इन्फ्रा को टारगेट किया गया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर अंदर थे। खराब रेकॉर्ड: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरा देश गुस्से में था। उनका मकसद भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। इसे लेकर कश्मीर सहित देश भर में आक्रोश था और भारत की तरफ से जवाब भी लाजिमी था। दरअसल, पड़ोसी देश की दिलचस्पी इन आतंकवादियों को सजा दिलाने में भारत की मदद करने की नहीं थी। सचाई तो यही है कि बरसों से वह आतंक को प्रश्रय देता आया है और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की शह पर भारत में कई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया गया। गलती नहीं सुधारी: ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सेना ने हर लक्ष्य का चयन विश्वसनीय इंटेलिजेंस सूचनाओं के आधार पर किया। पहलगाम के 15 दिनों बाद जवाब दिया गया यानी पाकिस्तान को अपनी गलती सुधारने और अपनी जमीन पर पल रहे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का पूरा मौका दिया गया। युद्ध की धमकी: पाकिस्तान ने भारतीय कार्रवाई को एक्ट ऑफ वॉर बताया है और कहा है कि उसे जवाब देने का अधिकार है। उसकी तरफ से झूठे प्रचार का युद्ध शुरू हो चुका है। उसकी मंशा संघर्ष बढ़ाने वाली लगती है। लेकिन पाकिस्तान का हित इसी में है कि वह भारत के साथ लड़ाई न बढ़ाए। आखिर, भारत ने भी यही संकेत दिया है कि वह इसे हवा नहीं देना चाहता।
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