आधुनिक जीवनशैली और बढ़ती उम्र के कारण कई लोग कंधे के दर्द से परेशान हैं। इनमें से एक खास बीमारी है फ्रोजन शोल्डर या अंग्रेज़ी में जिसे ‘फローजेन शोल्डर’ कहा जाता है। यह स्थिति आमतौर पर कंधे के जोड़ की गतिशीलता को प्रभावित करती है और मरीज की रोजमर्रा की जिंदगी को काफी बाधित कर देती है।
फ्रोजन शोल्डर क्या है?
फ्रोजन शोल्डर एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे का जोड़ अपनी सामान्य गति खो देता है। इसे ‘अधिवृत्त कांध’ भी कहा जाता है। इस बीमारी में कंधे के चारों ओर की ऊतक (टिशू) सूज जाती है और सिकुड़ने लगती है, जिससे कंधा धीरे-धीरे जकड़ जाता है और हिलाना-मिलाना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या खासकर 40 से 60 वर्ष के बीच के लोगों में अधिक देखी जाती है, लेकिन युवा भी इससे अछूते नहीं हैं।
फ्रोजन शोल्डर के कारण
चोट या चोट लगना: कंधे पर चोट लगने के बाद यदि उचित उपचार न हो तो फ्रोजन शोल्डर हो सकता है।
लंबे समय तक कंधे का निष्क्रिय रहना: जैसे चोट या सर्जरी के बाद कंधे को ठीक से मूव न करना।
मधुमेह (डायबिटीज): मधुमेह के मरीजों में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
अन्य बीमारियां: जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि के बाद कंधे की गतिशीलता कम होना।
फ्रोजन शोल्डर के शुरुआती लक्षण
1. कंधे में हल्का या तीव्र दर्द
शुरुआत में कंधे में हल्का दर्द महसूस होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता है। यह दर्द खासकर रात को सोते समय ज्यादा परेशान करता है।
2. कंधे की गति में कमी
धीरे-धीरे कंधे की गति सीमित होने लगती है। सबसे पहले आपको कंधा ऊपर उठाने या पीछे ले जाने में परेशानी होगी। कुछ समय बाद कंधा लगभग जम सा जाता है।
3. कंधे में अकड़न
सुबह उठने पर या लंबे समय तक स्थिर बैठने के बाद कंधे में अकड़न महसूस होती है।
4. दर्द के कारण नींद में खलल
कंधे के दर्द के कारण रात में नींद टूटना या सोने में परेशानी होना आम है।
कैसे पहचानें फ्रोजन शोल्डर?
फ्रोजन शोल्डर को सामान्य कंधे के दर्द से अलग पहचानना ज़रूरी है। यदि आपके कंधे की गति लगातार कम हो रही है, खासकर ऊपर उठाने, पीछे ले जाने या घुमाने में, और दर्द रात को बढ़ जाता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
विशेषज्ञ की राय
ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ कहती हैं:
“फ्रोजन शोल्डर को प्रारंभिक चरण में पहचान कर उचित फिजिकल थेरेपी और दवाओं से कंधे की गति को बचाया जा सकता है। देरी होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है और इलाज में लंबा समय लग सकता है।”
फ्रोजन शोल्डर का इलाज
फिजिकल थेरेपी और एक्सरसाइज – कंधे की गतिशीलता बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज जरूरी होती हैं।
दर्द निवारक दवाएं – सूजन और दर्द कम करने के लिए।
गरम सेक और मालिश – सूजन कम करने में मददगार।
सर्जरी (अगर जरूरत पड़े) – बहुत कम मामलों में, जब अन्य इलाज काम न करें।
बचाव के उपाय
चोट लगने पर सही समय पर इलाज कराएं।
चोट लगने के बाद कंधे की हल्की-हल्की एक्सरसाइज करें।
मधुमेह जैसी बीमारियों को नियंत्रित रखें।
लंबे समय तक एक जगह स्थिर न रहें, कंधे की हल्की-मोटी गतिशीलता बनाए रखें।
यह भी पढ़ें:
महीने ₹25 हजार कमाते हैं तो भी बना सकते हैं 10 करोड़ का रिटायरमेंट फंड, जानिए आसान निवेश के तरीके
You may also like
कुछ ही देर में शुरू होने जा रही भारी बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट, तुरंत देखें लेटेस्ट अपडेट!
Max O'Dowd के पास इतिहास रचने का मौका, Netherlands के लिए ये कारनामा करने वाले बन सकते हैं पहले खिलाड़ी
फिर साथ आए राम गोपाल वर्मा और मनोज बाजपेयी, ला रहे हैं हॉरर कॉमेडी
ओला इलेक्ट्रिक के वाहनों का पंजीकरण अगस्त में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत गिरा
कुणाल खेमू अब एक्टर ही नहीं सिंगर भी! यूट्यूब पर लेकर आए अपनी म्यूजिकल जर्नी