बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण करीब आते ही सियासी सरगर्मियां चरम पर हैं। महागठबंधन ने जहां तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है, वहीं एनडीए में सीएम पद को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस और आरजेडी दोनों ही दल दावा कर रहे हैं कि अगर एनडीए सत्ता में लौटा, तो बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी।
अमित शाह का बड़ा दावा — एनडीए जीतेगा 160 से ज्यादा सीटें
इन आरोपों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में एक बार फिर सियासी स्पष्टता दिखाते हुए कहा कि “बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली नहीं है।” उन्होंने आत्मविश्वास जताया कि इस बार एनडीए दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगा और 160 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगा।
आज तक को दिए एक इंटरव्यू में जब शाह से पूछा गया कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान क्यों नहीं कर देते, तो उन्होंने ठोस जवाब देते हुए कहा — “हमने कई बार कहा है कि बिहार में मुख्यमंत्री और दिल्ली में प्रधानमंत्री — दोनों पद खाली नहीं हैं। जनता को पहले से पता है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।”
लालू-राबड़ी और सोनिया गांधी पर सीधा हमला
एक जनसभा के दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री। लेकिन न लालू का बेटा मुख्यमंत्री बनेगा और न सोनिया का बेटा प्रधानमंत्री। बिहार में नीतीश जी की सरकार जारी रहेगी और केंद्र में मोदी जी का नेतृत्व कायम रहेगा।”
राहुल गांधी का पलटवार — “बीजेपी ने नीतीश को कैद कर रखा है”
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अमित शाह के बयान पर करारा जवाब दिया। पटना की एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को पूरी तरह अपने कब्जे में कर रखा है। राहुल गांधी ने तीखे शब्दों में कहा — “नीतीश कुमार अब बिहार के मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि बीजेपी के रिमोट से चलने वाले नेता हैं। जैसे टीवी का चैनल रिमोट से बदला जाता है, वैसे ही मोदी और शाह मिलकर नीतीश का चैनल बदलते हैं। बिहार के लोग अब यह सब समझ चुके हैं।”
सियासी मुकाबला अब सीएम पद की विश्वसनीयता पर
बिहार की राजनीति में अब मुकाबला केवल सीटों का नहीं बल्कि विश्वसनीयता का बन गया है। एक ओर अमित शाह यह स्पष्ट कर रहे हैं कि नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष यह साबित करने में जुटा है कि बीजेपी केवल सत्ता के समीकरणों के लिए नीतीश का इस्तेमाल कर रही है।
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