ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन द्वारा फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि पिछले 20 महीनों में भारत की फिलिस्तीन नीति “शर्मनाक और नैतिक रूप से कायराना” रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाते हुए याद दिलाया कि भारत ने नवंबर 1988 में फिलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाले पहले कुछ देशों में शामिल होकर न्याय और मानवता के मूल्यों की रक्षा की थी।
प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उस समय और फिलिस्तीनी लोगों के वीरतापूर्ण संघर्ष के दौरान, भारत ने सही के पक्ष में खड़े होकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर नेतृत्व दिखाया। उन्होंने कहा कि अब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने 37 साल की देरी के बाद वही रास्ता अपनाया है।
फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता – कांग्रेस का नजरिया
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है और उम्मीद है कि अन्य देश भी जल्द ऐसा करेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 18 नवंबर 1988 को फिलिस्तीनी राष्ट्र को औपचारिक रूप से मान्यता दे दी थी।
“शर्मनाक और नैतिक रूप से कायराना”
जयराम रमेश ने इजराइल-हमास संघर्ष का संदर्भ देते हुए कहा कि पिछले 20 महीनों में भारत की फिलिस्तीन नीति न केवल निराशाजनक बल्कि नैतिक दृष्टि से कायराना रही है। यह टिप्पणी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर की घोषणा के बाद आई, जिन्होंने अमेरिका और इजराइल के विरोध के बावजूद फिलिस्तीन को मान्यता देने की पुष्टि की।
मोदी सरकार की चुप्पी पर कड़ी प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने मोदी सरकार की फिलिस्तीन मुद्दे पर चुप्पी की निंदा करते हुए कहा कि यह अस्वीकार्य है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री स्टॉर्मर की घोषणा कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की घोषणाओं के बाद आई, जो राष्ट्रमंडल देशों की एक सामूहिक पहल प्रतीत होती है।
फिलिस्तीनी लोगों पर इजराइल की कार्रवाई
अगस्त में प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया था कि इजराइल नरसंहार कर रहा है और भारत इस पर मौन है। इस महीने की शुरुआत में भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘न्यूयॉर्क घोषणापत्र’ का समर्थन किया, जिसमें द्विराष्ट्र समाधान के माध्यम से फिलिस्तीन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की बात कही गई।
प्रियंका और जयराम की टिप्पणियां मोदी सरकार की फिलिस्तीन नीति को लेकर बढ़ती नाराजगी को दर्शाती हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नैतिक जिम्मेदारी के दृष्टिकोण से जोड़कर देखा जा रहा है।
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