गर्मियों के मौसम में एयर कंडीशनर (AC) की ठंडी हवा सभी को राहत देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही ठंडक कुछ लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती है? खासकर उन लोगों के लिए जो अस्थमा, एलर्जी या सांस संबंधी दिक्कतों से पहले से पीड़ित हैं। दरअसल, AC की ठंडी और कृत्रिम हवा न केवल इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है, बल्कि लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि AC से अस्थमा और एलर्जी कैसे होती है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे बचने के उपाय कौन-कौन से हैं।
कैसे AC की हवा अस्थमा और एलर्जी का कारण बनती है?
एयर कंडीशनर बंद वातावरण में हवा को बार-बार सर्कुलेट करता है। इस प्रक्रिया में हवा में मौजूद धूल, फफूंदी (mold), परागकण (pollen), पालतू जानवरों के बाल, और बैक्टीरिया लगातार उसी हवा के माध्यम से वातावरण में घूमते रहते हैं। अगर AC की नियमित सफाई न हो, तो फिल्टर में जमा ये सूक्ष्म कण हमारे फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं और एलर्जी या अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।
AC की हवा वातावरण से नमी को भी सोख लेती है, जिससे त्वचा और श्वसन तंत्र सूख जाता है। इसके कारण गले में खराश, सूखी खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। यह प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक पड़ता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
AC से एलर्जी और अस्थमा के लक्षण
अगर आप AC वाले कमरे में थोड़ी देर रहने के बाद निम्न लक्षण महसूस करते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपको एलर्जी या अस्थमा की शुरुआत हो रही है:
- नाक का बहना या बंद होना
- आंखों में खुजली या पानी आना
- गले में खराश या जलन
- सूखी खांसी, खासकर रात में
- सीने में जकड़न या भारीपन
- सांस लेने में दिक्कत या घरघराहट (wheezing)
- बार-बार छींकें आना
- त्वचा पर चकत्ते या खुजली होना
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह और अधिक गंभीर रूप ले सकते हैं, खासकर तब जब AC के फिल्टर की सफाई न की गई हो या कमरे में ताज़ी हवा का आना-जाना बाधित हो।
AC में पनपते बैक्टीरिया और एलर्जन
अक्सर लोगों को लगता है कि AC की हवा साफ होती है, लेकिन सच्चाई यह है कि अगर इसकी समय पर सर्विसिंग न हो, तो इसके भीतर फफूंदी, बैक्टीरिया और डस्ट माइट्स तेजी से पनपने लगते हैं। ये सूक्ष्म तत्व हवा में फैलकर सांस के माध्यम से शरीर में पहुंचते हैं और गंभीर एलर्जी और अस्थमा को जन्म दे सकते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो AC के डक्ट्स और फिल्टर्स में जमी धूल छोटे बच्चों और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकती है। यह खतरा केंद्रीय एयर कंडीशनिंग सिस्टम वाले ऑफिसों और शॉपिंग मॉल्स में और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वहां की सफाई अक्सर उपेक्षित रह जाती है।
AC एलर्जी से बचने के असरदार उपाय
- नियमित सफाई करें: हर 15-30 दिनों में AC के फिल्टर और यूनिट की अच्छी तरह सफाई करें।
- ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें: अगर AC की हवा से कमरे की नमी कम हो रही हो तो ह्यूमिडिफायर लगाएं।
- प्राकृतिक वेंटिलेशन दें: समय-समय पर खिड़कियां और दरवाज़े खोलकर ताज़ी हवा अंदर आने दें।
- HEPA फिल्टर लगवाएं: AC में HEPA (High Efficiency Particulate Air) फिल्टर का उपयोग करें जो सूक्ष्म कणों को रोकने में मदद करता है।
- घरेलू पौधे लगाएं: एलोवेरा, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट जैसे पौधे घर में लगाएं जो प्राकृतिक रूप से हवा को शुद्ध करते हैं।
- बच्चों का ध्यान रखें: छोटे बच्चों को AC की सीधी हवा से दूर रखें और उन्हें हल्के कंबल या चादर से ढककर सुलाएं।
- लक्षणों पर नजर रखें: अगर बार-बार खांसी, छींक, सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।
किन लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?
- अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मरीज
- छोटे बच्चे और बुजुर्ग
- जिनको धूल, फफूंदी या पराग से एलर्जी है
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
- जो पहले से साइनस या श्वसन संबंधी समस्याओं से ग्रसित हैं
AC की ठंडी हवा आरामदायक जरूर होती है, लेकिन अगर इसे ठीक से न उपयोग किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है, खासकर अस्थमा और एलर्जी के रोगियों के लिए। इसलिए जरूरी है कि समय पर AC की सफाई, उचित वेंटिलेशन और सावधानियों का पालन किया जाए, ताकि आप गर्मियों में राहत के साथ-साथ सेहत का भी ध्यान रख सकें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।
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