Lucknow, 5 नवंबर . Chief Minister योगी आदित्यनाथ Wednesday को सिख पंथ के संस्थापक और प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 556वें प्रकाश पर्व पर राजधानी Lucknow के डीएवी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. इस दौरान उन्होंने सिख गुरुओं के सम्मान में अपना शीश नवाया और दर्शन किए. समारोह में कमेटी की ओर से Chief Minister का स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु नानक देव जी India के एक उच्च कोटि के आध्यात्मिक महापुरुष थे, जिन्होंने 500 वर्ष पहले समाज के संगठन, समानता और सेवा का जो संदेश दिया, वही आज India की सामाजिक व्यवस्था की नींव है.
सीएम योगी ने कहा कि उस काल में जब देश बाबर जैसे विदेशी आक्रांताओं की बर्बरता झेल रहा था, जब मंदिर तोड़े जा रहे थे, आस्था पर प्रहार हो रहे थे, तब भी गुरु नानक देव जी बिना भय, बिना दबाव समाज को मार्गदर्शन दे रहे थे. उन्होंने मिल-बांटकर खाने, गरीबों की मदद करने और एकजुट समाज बनाने का संदेश दिया.
Chief Minister ने गुरु नानक देव जी की आध्यात्मिकता का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि India संतों और महापुरुषों की उस परंपरा का देश है, जिसने संकट के समय भी राष्ट्र की आत्मा को जीवित रखा. योगी ने कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं के आगे कई राजा-रजवाड़े झुक गए, तब गुरु नानक देव जी ने बाबर को ‘जाबर’ यानी जल्लाद कहने का साहस दिखाया. यही India की संत परंपरा की शक्ति थी.
Chief Minister ने इस अवसर पर समाज में एकता और धर्म की मजबूती का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आज जब कुछ क्षेत्रों में धर्मांतरण जैसी गतिविधियां दिखाई देती हैं, तो हमें सिख पंथ की मूल भावना (एकता, संगठन और सेवा) को और सशक्त करना होगा. सीएम योगी ने कहा कि अगर कहीं कोई कमी है, तो हमें उसे दूर करना होगा. गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने जब खालसा पंथ की स्थापना की, तब उन्होंने समाज के हर वर्ग को जोड़ा. उसी भावना को हमें फिर से जीवंत करना होगा.
Chief Minister ने यह भी कहा कि हम मजबूत रहेंगे, तो हर कोई हमारी आस्था का सम्मान करेगा. सिख गुरुओं और महापुरुषों का बलिदान हमारे लिए प्रेरणा है. कार्यक्रम के अंत में Chief Minister ने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई दी और कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं हमारे जीवन और समाज को दिशा देती रहें.
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डीसीएच/
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