अयोध्या, 13 अगस्त . राम नगरी अयोध्या के हृदयस्थल में एक मौन, लेकिन प्रभावशाली परिवर्तन हो रहा है. कभी घरेलू भूमिकाओं तक सीमित रहने वाली मुस्लिम महिलाएं अब राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और आगामी स्वतंत्रता दिवस के लिए तिरंगे बना रही हैं. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार की पहल की बदौलत, ये महिलाएं स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले, हर दिन हजारों राष्ट्रीय ध्वज सिल रही हैं.
ये महिलाएं स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं, जिन्हें योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के तहत प्रशिक्षित और सहायता प्रदान की गई है. इस पहल ने न सिर्फ रोजगार पैदा किया है, बल्कि महिलाओं में स्वतंत्रता और गर्व की भावना भी जगाई है, जिनमें से कई अपने जीवन में पहली बार काम कर रही हैं. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Chief Minister आदित्यनाथ दोनों का आभार व्यक्त किया है.
झंडे बनाने में शामिल महिलाओं में से एक ने को बताया, “मैं Chief Minister योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देना चाहती हूं कि हमें झंडे बनाने का यह काम मिला है. हम इस काम से पैसे कमा पा रहे हैं.”
एक अन्य महिला ने कहा, “हमें पैसे और खर्चों के लिए पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता था. अब हम अपना पैसा खुद कमा सकती हैं और उसे अपनी इच्छानुसार खर्च कर सकती हैं. हम इस झंडे बनाने के काम से कमाए गए अपने पैसों से अपनी जरूरत की चीजें खरीदती हैं.”
समूह का नेतृत्व करने वाली महिला ने जोर देकर कहा कि यह अवसर क्षेत्र के कई लोगों के लिए पहली बार है. उन्होंने कहा, “इस सरकार में हमें झंडा बनाने का काम दिया जा रहा है. पहले ऐसे अवसर उपलब्ध नहीं थे. हमने एक बड़ा ऑर्डर पूरा कर लिया है और अब हम दूसरे पर काम कर रहे हैं.”
इस पहल को व्यापक रूप से एक सफलता की कहानी के रूप में देखा जा रहा है कि कैसे लक्षित सरकारी योजनाएं समुदायों में वास्तविक बदलाव ला सकती हैं. अब हर झंडे में आजादी और आय का जिक्र है, ये महिलाएं न सिर्फ एक राष्ट्रीय उत्सव में योगदान दे रही हैं, बल्कि एक शांत क्रांति का भी अनुभव कर रही हैं.
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डीकेपी/
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