नई दिल्ली, 22 जून . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के 3.5 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर के तलछटी बेसिन में से एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र को तेल एवं गैस खोज के लिए खोल दिया है, जो पहले हाइड्रोकार्बन खोज के लिए प्रतिबंधित था.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण अब इस पूरे ‘नो-गो’ क्षेत्र को खोल दिया गया है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी.”
उन्होंने आगे कहा कि खोज और उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए नए कानून के साथ-साथ तेल और गैस खोज और उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र में व्यापार को आसान बनाने की दिशा में कई उपाय किए गए हैं.
मोदी सरकार ने देश में तेल और गैस की खोज में तेजी लाने के लिए पहले की नई खोज और लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) को ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) से बदल दिया है.
ओएएलपी के जरिए सरकार की कोशिश तेल और गैस क्षेत्र में जटिलताएं कम करना भी है.
मंत्री ने कहा कि ओएएलपी की नौंवी बोली के तहत इन नए खोले गए क्षेत्रों के लिए लगभग 38 प्रतिशत बोलियां आईं, जबकि ओएएलपी दसवीं बोली के अगले दौर में यह आंकड़ा बढ़कर 75 प्रतिशत हो सकता है.
उन्होंने बताया कि ओएएलपी की दसवीं बोली प्रक्रिया भारत का अब तक का सबसे बड़ा राउंड है, जिसमें देश के 13 तलछटी बेसिनों में तेल और गैस खोज के लिए 25 ब्लॉकों की पेशकश की गई है, जो 1,91,986.21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं.
केंद्रीय ने बताया कि इनमें से छह हाइड्रोकार्बन खोज ब्लॉक भूमि पर हैं, छह अपतटीय उथले पानी में हैं, एक गहरे पानी में है, तथा 12 अत्यंत गहरे पानी वाले क्षेत्रों में हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले दो दशकों में दुनिया की ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत की वृद्धि भारत से होगी.
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एबीएस/
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