Mumbai , 29 जुलाई . हिंदी सिनेमा की नीली आंखों वाली अभिनेत्री मंदाकिनी को 1985 की सुपरहिट फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में ‘गंगा’ के किरदार से रातोंरात शोहरत मिली. 30 जुलाई को अभिनेत्री का 61वां जन्मदिन है.
30 जुलाई 1963 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मीं यास्मीन जोसेफ से ‘मंदाकिनी’ बनने वाली इस अभिनेत्री की कहानी जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही विवादों से भरी रही. उनकी खूबसूरती, एक्टिंग और निजी जिंदगी के उतार-चढ़ाव ने उन्हें हमेशा सुर्खियों में रखा.
यास्मीन ने 22 साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखा. कम ही लोग जानते हैं कि उनका असली नाम यास्मीन है. फिल्म मेकर और एक्टर राज कपूर ने उन्हें स्क्रीन नेम ‘मंदाकिनी’ दिया. मंदाकिनी ने करियर की शुरुआत साल 1985 में आई बंगाली फिल्म ‘अंतारेर भालोबाशा’ से की. उसी साल ‘मेरा साथी’ के साथ हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया. हालांकि, असली पहचान उन्हें राज कपूर की फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से मिली.
इस फिल्म में उनके बोल्ड सीन ने उस दौर में सनसनी मचा दी, जिसके लिए फिल्म को प्रशंसा के साथ-साथ विवादों का सामना भी करना पड़ा. मंदाकिनी को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेशन भी मिला.
‘राम तेरी गंगा मैली’ की सफलता ने मंदाकिनी को रातोंरात स्टार बना दिया. साल 1980 के दशक में उन्होंने ‘डांस-डांस’, ‘कमांडो’, ‘लोहा’, ‘जाल’, ‘प्यार के नाम कुर्बान’, ‘शानदार’, ‘सिंहासन’, ‘अग्नि’ और ‘जोरदार’ जैसी कई फिल्मों में काम किया. हालांकि, उनकी ज्यादातर फिल्में उनकी डेब्यू फिल्म जितनी सफलता नहीं पा सकीं. फिर भी, उनकी खूबसूरती और एक्टिंग छाई रही.
मंदाकिनी का करियर उतना आसान नहीं रहा. इंडस्ट्री में पुरुष-प्रधान माहौल ने उनके लिए कई चुनौतियां खड़ी की. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि एक बार एक प्रोड्यूसर ने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई और फिल्म के लिए हां कर लिया, लेकिन बाद में दूसरी अभिनेत्री को कम फीस के कारण चुन लिया गया. इस तरह की घटनाओं ने उनके करियर को प्रभावित किया.
मंदाकिनी की जिंदगी का सबसे बड़ा विवाद तब शुरू हुआ, जब साल 1994 में उनकी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तस्वीरें दुबई के शारजाह स्टेडियम में क्रिकेट मैच देखते हुए वायरल हुईं. इन तस्वीरों ने बॉलीवुड में तहलका मचा दिया. मीडिया में अफवाहें उड़ी कि मंदाकिनी और दाऊद के बीच प्रेम संबंध थे.
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि दाऊद ने मंदाकिनी को कई फिल्मों में काम दिलवाने में मदद की थी. हालांकि, मंदाकिनी ने हमेशा इन अफवाहों का खंडन किया. दाऊद के साथ नाम जुड़ने का असर उनके करियर पर पड़ा. फिल्ममेकर्स ने उन्हें कास्ट करने में हिचक दिखाई और धीरे-धीरे उनका करियर ढलने लगा.
साल 1996 में उनकी आखिरी फिल्म ‘जोरदार’ रिलीज हुई, जिसके बाद उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया.
साल 1990 में मंदाकिनी ने काग्युर टी. रिनपोचे ठाकुर से शादी की, जो एक पूर्व बौद्ध भिक्षु हैं. इस शादी के बाद मंदाकिनी ने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली और एक सामान्य जीवन जीना शुरू किया. उनके दो बच्चे हैं, बेटा रब्बिल ठाकुर और बेटी इनाया. मंदाकिनी और उनके पति Mumbai में एक तिब्बती योग सेंटर चलाते हैं, जहां वे योग और ध्यान सिखाते हैं. मंदाकिनी ने बौद्ध धर्म को अपनाया और दलाई लामा की अनुयायी हैं.
26 साल बाद साल 2022 में मंदाकिनी ने अपने बेटे रब्बिल के साथ म्यूजिक वीडियो ‘मां ओ मां’ के जरिए कमबैक किया.
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एमटी/एबीएम
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