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व्हाइट-कॉलर नौकरियां अगस्त में 3 प्रतिशत बढ़ी, नॉन-आईटी सेक्टर का योगदान सबसे अधिक रहा

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New Delhi, 1 सितंबर . भारत के व्हाइट-कॉलर जॉब मार्केट में अगस्त में सुधार देखने को मिला है और जॉबस्पीक इंडेक्स सालाना आधार पर 3 प्रतिशत बढ़कर 2,664 पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 2,576 पर था. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.

जॉब पोस्टिंग प्लेटफॉर्म नौकरी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया, “अगस्त में वृद्धि में नॉन-आईटी सेक्टर में बड़ा योगदान दिया है. इंश्योरेंस सेक्टर का योगदान 24 प्रतिशत रहा है. इसके बाद हॉस्पिटैलिटी ने 22 प्रतिशत, बीपीओ/आईटीईएस ने 17 प्रतिशत, एजुकेशन ने 16 प्रतिशत और रियल एस्टेट ने 18 प्रतिशत का योगदान दिया है.”

हालांकि, आईटी सेक्टर में 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि आईटी यूनिकॉर्न की हायरिंग में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है.

रिपोर्ट में मुताबिक, हायरिंग सभी वर्गों में रही है. फ्रेशर्स की हायरिंग में सालाना आधार पर 7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 16 वर्ष से अधिक के पेशेवरों की हायरिंग में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

नौकरी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा, “अगस्त में दो रुझान उभर कर सामने आए. एक यह कि गैर-आईटी क्षेत्र नौकरी बाजार की वृद्धि में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, जो हाल के महीनों में देखने को मिला है. दूसरा, दिलचस्प बात यह है कि हैदराबाद स्टार्टअप भर्ती के केंद्र के रूप में उभरा है, जिससे यह समग्र नौकरी वृद्धि के मामले में अग्रणी महानगर बन गया है.”

रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में, दिल्ली-एनसीआर 41 प्रतिशत और चेन्नई 19 प्रतिशत के साथ प्रमुख योगदानकर्ता थे. यह क्षेत्र नए लोगों की नियुक्ति के केंद्र के रूप में भी उभरा है, जहां प्रवेश स्तर की नियुक्तियों में सालाना आधार पर 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

हैदराबाद में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न नियुक्तियों में लगातार तीन महीनों तक सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में इसकी स्थिति और मजबूत हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “अगस्त में, शहर में स्टार्टअप नियुक्तियों में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कुल 3 प्रतिशत की वृद्धि से कहीं अधिक है.”

एबीएस/

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