New Delhi, 24 अगस्त . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Sunday को एक वीडियो संदेश के माध्यम से गुजरात के Ahmedabad में सरदारधाम फेज-II, कन्या छात्रालय के शिलान्यास समारोह को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदारधाम का नाम जितना पवित्र है, उतना ही उसका काम भी पवित्र है. देश भर में बुनियादी ढांचे का विकास रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज बेटियों की सेवा के लिए उनकी शिक्षा के लिए एक होस्टल का लोकार्पण हो रहा है. जो बेटियां इस होस्टल में रहेंगी, उनके अरमान होंगे, सपने होंगे, उसे पूरा करने के लिए अनेक अवसर उन्हें मिलेंगे. और इतना ही नहीं वे बेटियां जब अपने पैरों पर खड़ी होंगी, सामर्थ्यवान बनेंगी, तब राष्ट्र निर्माण में भी उनकी अहम भूमिका स्वाभाविक ही बनेगी, उनका परिवार भी समर्थ बनेगा. इसलिए सबसे पहले मैं इस होस्टल में रहने का जिनको अवसर मिलेगा, उन सभी बेटियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए और उनके परिवारजनों को शुभकामनाएं देता हूं.
उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि गर्ल्स होस्टल फेज 2 की इसकी आधारशिला रखने के लिए आपने मुझे अवसर दिया है. आज समाज के भगीरथ प्रयास से 3 हजार बेटियों के लिए उत्तम व्यवस्था, उत्तम सुविधा के साथ भव्य इमारत उनको मिल रही है. मुझे बताया गया है कि वडोदरा में भी 2 हजार विद्यार्थियों के लिए होस्टल का काम चल रहा है, और पूरा होने की तैयारी में है. सूरत, राजकोट, मेहसाणा में इस प्रकार के एजुकेशन, लर्निंग, ट्रेनिंग के अनेक सेंटर बनाए जा रहे हैं. इन सारे प्रयासों के लिए जो लोग इनमें अपना योगदान दे रहे हैं, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं, क्योंकि अपना देश समाज की शक्ति से ही आगे बढ़ता है. मैं आज इस अवसर पर सरदार साहब के चरणों में प्रणाम करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं Chief Minister था, तब हमेशा कहता था कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास और आज संयोग बना है कि देश के विकास में गुजरात ने मुझे जो सिखाया, गुजरात से जो मैंने सिखा है, वो काम में आ रहा है. आप सभी जानते हैं कि आज से 25-30 साल पहले हमारे यहां गुजरात में अनेक अनेक पैरामीटर में, कुछ बातें चिंताजनक थीं. गुजरात को विकास के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्रों में भी अनेक संकटों में अपनी शक्ति लगानी पड़ती थी, चुनौतियों का सामना करना पड़ता था. और उसमें जब मैं नया नया Chief Minister बना था, तब पहली बार मेरे ध्यान में आया कि बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में खूब पीछे हैं, और वह बात मेरे मन पर असर कर गई. अनेक परिवार बेटियों को स्कूल नहीं भेजते थे. जो स्कूल में दाखिला लेती थीं, वह भी जल्द ही स्कूल छोड़ देती थीं, ड्रोप आउट हो जाती थीं. 25 साल पहले आप सबने मेरा साथ दिया और पूरी स्थिति बदल गई.
उन्होंने कहा कि आप सबको याद होगा कि हम सब कन्या शिक्षा की रथयात्रा निकालते थे. मुझे याद है कि 40-42 डिग्री तापमान होता था, 13, 14, 15 जून, को गांव में जाना मतलब जाना, घर घर में जाना मतलब जाना, बेटियों को ऊंगली पकड़कर स्कूल ले आना मतलब ले ही आते थे. स्कूल के प्रवेशोत्सव के कितने बड़े कार्यक्रम किए. और मेरा सौभाग्य है कि इस कार्य ने खूब बड़ा लाभ हमें दिया. उसके कारण आज जरूरत पड़ने पर स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर बने, स्कूलों को आधुनिक सुविधाएं मिलीं, सब प्रकार की व्यवस्थाएं विकसित हुईं, शिक्षकों की भर्ती हुई. समाज ने भी खूब आगे बढ़कर भाग लिया, जिम्मेदारी निभाई. परिणाम यह मिला कि आज वे बेटे बेटियां जिनके हमने स्कूल में दाखिल किए थे, वे डॉक्टर बन गए, इंजीनियर बन गए, ड्रोपआउट रेशियो कम हुआ और इतना ही नहीं पूरे गुजरात के कोने-कोने में अभ्यास की भूख जग गई.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दूसरी बड़ी चिंता थी भ्रूण हत्या का पाप. हमने सूरत से यात्रा निकाली थी. बेटा बेटी एक समान- इस भावना को मजबूत बनाया. सबका समर्थन मिला, तब आज गुजरात में बेटा-बेटी की संख्या में जो बड़ा अंतर था, उसको धीरे-धीरे कम करने में हम सफल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बड़े उद्देश्यों के साथ जब प्रयास किए जाते हैं और पवित्रता के साथ होते हैं, समाज की भलाई के लिए होते हैं, तब ईश्वर भी साथ देता है, और ईश्वर रूपी समाज भी साथ देता है और परिणाम भी मिलता है. आज समाज में एक नवीन जागृति आई है. हम अपने आप बेटियों को पढ़ाने के लिए आगे आते हैं, उनका मान-सम्मान बढ़े, उनके लिए हम सुविधा खड़ी कर रहे हैं, भव्य होस्टल बना रहे हैं. हमने गुजरात में जो बीज बोया था, वह आज पूरे देश में बेटी पढ़ाओ जनआंदोलन बन चुका है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए, महिला सशक्तिकरण के लिए देश में ऐतिहासिक रूप से काम हो रहा है. ऑपरेशन सिंदूर की जब बात होती है तब बेटियों की आवाज सुनाई देती है, उनके सामर्थ्य की बात हमारे कानों तक पहुंचती है, गांवों में लखपति दीदी, 3 करोड़ का लक्ष्य था, 2 करोड़ तक पहुंच गए, ड्रोन दीदी आदि से समग्र गांव में बहनों की ओर देखने का दृष्टिकोण बदल गया. बैंक सखी, बीमा सखी, ऐसी अनेक योजनाएं आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए हमारी मातृशक्ति काम कर रही हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट का जो काम चल रहा है, रिकॉर्ड गति पर चल रहा है. पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, इसके अंतर्गत सोलर सिस्टम लगाने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है. भारत में ड्रोन और डिफेन्स इंडस्ट्रीज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार का सबसे बड़ा फोकस मिशन मेन्युफेक्चरिंग पर है. ये सारे अभियान गुजरात में भी रोजगार के नवीन अवसर पैदा करते हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया आज भारत के श्रम के साथ-साथ भारत की प्रतिभा को अच्छा मानती है, उसके महत्व को समझती है. इसलिए विश्व के अलग-अलग देशों में अनेक अवसर तैयार हो रहे हैं. हमारे युवा हेल्थकेयर, एजुकेशन, स्पेस जैसे अनेक सेक्टर में अपनी छवि से दुनिया को चकित कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि स्वदेशी का आंदोलन 100 साल पुराना नहीं है, हमारे भविष्य को मजबूती देने वाला आंदोलन है. उसका नेतृत्व आप को करना चाहिए. हमारे समाज के युवाओं को बेटे-बेटियों को करना चाहिए. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अब हमारे परिवार में, घर में एक भी विदेशी चीज नहीं आएगी. मैंने बीच में ‘वेड इन इंडिया’ कहा था, तब अनेक लोगों ने विदेशों में अपने विवाह को कैंसिल करके भारत में आकर हॉल बुक करके यहां विवाह किए थे. एक बार विचार करने पर देश के लिए भावना अपने आप जगती है.
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डीकेपी/
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