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उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास में ई-गवर्नेंस की बना मिसाल

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लखनऊ, 2 जुलाई . उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार औद्योगिक विकास के क्षेत्र में लगातार नए मानक स्थापित कर रही है. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा ई-गवर्नेंस के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं का डिजिटल क्रियान्वयन प्रदेश को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में अग्रणी बना रहा है.

निवेश मित्र पोर्टल के जरिए उद्यमियों को अब 37 प्रकार की सेवाएं ऑनलाइन मिल रही हैं. बीते 5 वर्षों में ऑनलाइन आवेदनों की संख्या और उनके त्वरित निस्तारण में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है. 2024-25 में कुल 9,719 आवेदन निस्तारित किए गए, जो 2020-21 के 6,094 आवेदनों की तुलना में लगभग 60% की वृद्धि दर्शाता है.

उद्यमियों की संतुष्टि भी योगी सरकार की नीतियों की सफलता का प्रमाण है. 2024-25 में ‘निवेश मित्र’ पर प्राप्त फीडबैक स्तर 96.63% रहा, जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय उन्नति है.

सरकार ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है. अब मेगा इकाइयों को केवल 15 दिनों में भूमि आवंटित की जा रही है, वहीं सामान्य ई-नीलामी प्रक्रिया में भी समय सीमा को 30 दिन से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है.

इसके साथ ही वित्तीय संस्थानों द्वारा दोहरे स्टांप शुल्क से छूट दी गई है, जिससे निवेशकों का विश्वास और बढ़ा है.

योगी सरकार की मंशा साफ है कि निवेशकों को सरल, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम वातावरण देना है, ताकि उत्तर प्रदेश जल्द ही भारत का औद्योगिक इंजन बन सके. इसके तहत यूपीसीडा ने तकनीक को पूरी तरह से अपनाते हुए जीआईएस वन मैप पोर्टल के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों का ड्रोन सर्वेक्षण और अतिक्रमित प्लॉट्स की पहचान की जा रही है.

साथ ही, एमआईएस, ओबीपीएएस सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराया जा रहा है.

पीएम गति शक्ति के साथ एकीकरण और पैच प्रबंधन के लिए मोबाइल एप्लीकेशन जैसी पहलें उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक राज्यों की कतार में लाकर खड़ा कर रही हैं.

एसके/एबीएम

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