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सीबीआई ने इंटरनेशनल साइबर ठग गिरोह का किया भंडाफोड़, मास्टरमाइंड गिरफ्तार

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नई दिल्ली, 27 जून . केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया. सीबीआई ने 25 जून को मुंबई और अहमदाबाद में एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान भारी मात्रा में आपत्तिजनक और आपराधिक साक्ष्य बरामद किए गए. इस छापेमारी के बाद 26 जून को मुंबई से इस साइबर गिरोह के मुख्य सरगना को गिरफ्तार कर लिया गया.

सीबीआई के अनुसार, यह मामला एक अत्यंत संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क से जुड़ा है, जो विशेष रूप से अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को निशाना बनाता था. गिरोह के सदस्य खुद को सरकारी अधिकारी बताकर विदेशी नागरिकों को झूठे आरोपों से डराते थे और फिर उनसे धन की उगाही करते थे.

यह धनराशि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से प्राप्त की जाती थी ताकि ट्रैकिंग न की जा सके. छापेमारी के दौरान आरोपी के पास से एक ऐसा सुव्यवस्थित तंत्र मिला, जो साइबर फ्रॉड के लिए प्रयोग में लाया जाता था.

आरोपी के पास से टेली-कम्युनिकेशन सेटअप, लोगों को डराकर ठगी करने के लिए तैयार स्क्रिप्ट्स, नकली पहचान पत्र और बैज, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, डेटा स्टोरेज उपकरण, महंगी लग्जरी कारें और विदेशी दौरे से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए.

इसके अलावा, करीब 45 हजार अमेरिकी डॉलर मूल्य के वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो संपत्तियां) भी बरामद की गई हैं. आरोपी के पास से लग्जरी जीवनशैली के कई सबूत भी मिले हैं, जिनमें महंगे सामान, विदेशी यात्राएं और बेहिसाब संपत्ति शामिल है.

गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (एफसीसी) ने पहले ही इस गिरोह ‘रॉयल टाइगर गैंग’ को एक गंभीर उपभोक्ता संचार सूचना सेवा खतरे के रूप में चिन्हित किया था. यह गिरोह अमेरिकी उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए सरकार, बैंक और यूटिलिटी कंपनियों के नाम से अवैध रोबोकॉल करता था.

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 4 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. पूछताछ के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान किए जाने की संभावना है.

सीबीआई ने कहा कि वह साइबर वित्तीय अपराधों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई जारी रखेगी और इस तरह के अपराधों के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को खत्म करने के लिए विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच अभी जारी है.

पीएसके/एबीएम

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