लखनऊ, 1 मई . उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से विशेष बातचीत में जातिगत जनगणना को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्होंने इसे एक न्यायपूर्ण प्रक्रिया बताते हुए कहा कि अब तक केवल कुछ ही जातियों को योजनाओं का लाभ मिल पाता था, लेकिन जातिगत जनगणना से अन्य पिछड़ी जातियों और अति पिछड़ी जातियों को भी उनका वाजिब हक मिलेगा.
आशीष पटेल ने कहा कि जातिगत जनगणना से निश्चित तौर पर सबकी संख्या सामने आएगी और एक बहुत ही वैज्ञानिक ढंग से सरकार की सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सकेगा. यह एक महत्वपूर्ण कदम है और हम सबको इसका स्वागत करना चाहिए.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना के लिए उनकी पार्टी की मांग नई नहीं है. यह मुद्दा पार्टी के गठन के समय से ही उनके एजेंडे का हिस्सा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया है. मैं उनकी ओर से जितना धन्यवाद दे सकता हूं, उतना कम है.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच इस मुद्दे पर श्रेय लेने की होड़ को लेकर जब सवाल पूछा गया, तो आशीष पटेल ने तल्ख लहजे में जवाब देते हुए कहा कि 1947 से कांग्रेस सत्ता में रही है और समाजवादी पार्टी भी चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता में रही, लेकिन उस दौरान उन्हें यह मुद्दा याद नहीं आया. उनके लिए यह चुनावी जुमला हो सकता है, लेकिन हमारे लिए यह आत्मा की आवाज है.
बता दें कि मोदी कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दे दी. सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया. 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई. जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है. वैष्णव ने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा.
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पीएसके/
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