Next Story
Newszop

आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर निर्दोषों की हत्या की, सेना ने कर्म के आधार पर उनका सफाया किया : राजनाथ सिंह

Send Push

नई दिल्ली, 4 जुलाई . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सेना की तारीफ करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर निहत्थे पर्यटकों की जान ली थी जिसके जवाब में उनका सफाया कर सेना ने अपने कर्म का पालन किया.

हैदराबाद के तेलंगाना में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा, “आतंकवादियों ने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या अपने ‘धर्म’ के आधार पर की, जबकि हमारी सशस्त्र सेनाओं ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के माध्यम से अपने ‘कर्म’ के आधार पर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया.” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को ध्वस्त करते समय धैर्य और संयम का परिचय दिया.

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने पूरे ऑपरेशन के दौरान यह सुनिश्चित किया कि किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान न हो. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों को आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता और सामर्थ्य प्राप्त है.

कार्यक्रम का आयोजन महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया था. रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हमारी सेनाओं द्वारा दिखाया गया संयम, अल्लूरी सीताराम राजू के जीवन मूल्यों की तरह है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. अल्लूरी को ‘योद्धा-संत’ की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि वह केवल एक क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि एक संपूर्ण आंदोलन थे. उन्होंने सीमित संसाधनों में भी गुरिल्ला युद्ध नीति अपनाकर अत्याचारियों के खिलाफ संघर्ष किया और सिद्ध कर दिया कि अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना केवल अधिकार नहीं बल्कि राष्ट्र का धर्म है.

रक्षा मंत्री ने सरकार की जनजातीय सशक्तीकरण की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पीएम ट्राइबल डेवलपमेंट मिशन, स्किल इंडिया, और राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन अभियान जैसे कार्यक्रमों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम जनजातीय समुदायों को सम्मान और अवसर के साथ मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा, “औपनिवेशिक काल में जहां आदिवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया, वहीं आज वे देश की सतत प्रगति के रक्षक बनकर उभरे हैं. सरकार केवल नीति के आधार पर नहीं, बल्कि भावना और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.”

जीसीबी/एकेजे

Loving Newspoint? Download the app now