वाशिंगटन, 30 सितंबर . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण कटौती करने और इसके नियमों में संशोधन करने संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कदमों से अमेरिकी कंपनियों का महत्वपूर्ण काम India में स्थानांतरित होने में तेजी आएगी.
एक आर्टिकल में तर्क दिया गया है कि ट्रंप प्रशासन के कदमों से वित्त से लेकर अनुसंधान एवं विकास तक के कार्यों को संभालने वाले वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के विकास में तेजी आ सकती है.
रिपोर्ट में डेलॉइट इंडिया के पार्टनर और जीसीसी उद्योग के प्रमुख रोहन लोबो के हवाले से कहा गया है, “उन्हें कई अमेरिकी कंपनियों के बारे में पता है जो अपनी कार्यबल आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन कर रही हैं.”
लेख में आगे कहा गया है कि इस बदलाव के लिए योजनाएं पहले से ही चल रही हैं, जो वित्तीय सेवाओं और तकनीक जैसे क्षेत्रों में, और विशेष रूप से अमेरिकी संघीय अनुबंधों से जुड़ी कंपनियों में अधिक गतिविधि की ओर इशारा करती हैं. जीसीसी इस समय के लिए विशिष्ट रूप से तैयार हैं. वे एक तैयार आंतरिक इंजन के रूप में काम करते हैं.
लेख में आगे बताया गया है कि यदि नए वीजा प्रतिबंधों को चुनौती नहीं दी जाती है तो उद्योग विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अमेरिकी कंपनियां एआई, उत्पाद विकास, साइबर सुरक्षा और एनालिटिक्स से जुड़े उच्च-स्तरीय कार्यों को अपने India स्थित जीसीसी में स्थानांतरित कर देंगी, और रणनीतिक कार्यों को आउटसोर्सिंग के बजाय आंतरिक रूप से ही रखने का विकल्प चुनेंगी.
19 सितंबर को ट्रंप ने एच-1बी वीजा पर नकेल कसने वाले एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें प्रत्येक नए आवेदन के लिए 100,000 डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की गई. उन्होंने कहा कि अमेरिकी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा.
इस घोषणापत्र से भारी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई क्योंकि ऐसा लग रहा था कि इसका असर मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों पर पड़ेगा, जिन्हें अमेरिका लौटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
व्हाइट हाउस ने को एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह एकमुश्त शुल्क है, जो केवल नए वीजा पर लागू होता है, नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर नहीं.
कुछ दिनों बाद अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने भी एच-1बी वीजा प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले अपने नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा.
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डीकेपी
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