पटना, 13 अगस्त . बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार ने Wednesday को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.
Chief Minister ने राज्य की नदियों के जलस्तर की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली. Chief Minister ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को पूरी तरह अलर्ट रहने तथा प्रभावित लोगों को यथाशीघ्र और पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से ही हम लोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं. मानसून के पूर्व संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं को लेकर तैयारियों की समीक्षा की जाती है और एसओपी के अनुसार सभी को कार्य करने के निर्देश दिए जाते हैं.
Chief Minister ने बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच आनुग्रहिक राहत राशि जल्द से जल्द वितरण कराने और फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच राशि का भुगतान कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य कराना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो. बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने Chief Minister को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति तथा नदियों के जलस्तर के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अधिक वर्षापात के कारण गंगा नदी के किनारे के 10 जिले भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ से इन 10 जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों की 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है. एनडीआरएफ की सात टीमें और एसडीआरएफ की 9 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. 60 मोटर बोट और 1233 नाव लगातार कार्यरत हैं. अब तक 52,573 पॉलीथीन शीट और 1800 सूखा राशन पॉकेट प्रभावित लोगों के बीच वितरित किए गए हैं.
साथ ही, बाढ़ राहत कैंपों में प्रभावित लोगों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सारी व्यवस्थाएं की गई हैं. अभी तक सामुदायिक रसोई केंद्र में 13 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है. जानवरों के लिए पशु चारा एवं चिकित्सा की व्यवस्था की गई है. आपदा प्रबंधन विभाग राहत एवं बचाव कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा कर स्थिति पर नजर बनाए हुए है. बाढ़ प्रभावित लोगों को आनुग्रहिक राहत राशि वितरण करने के लिए जिलाधिकारी को सूची बनाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में अच्छी वर्षा के कारण किसानों को फायदा हुआ है. राज्य में अब तक 93 प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है.
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एमएनपी/डीएससी
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