झारखंड के गिरिडीह जिले के प्रवासी मजदूर विजय कुमार महतो की सऊदी अरब में गोली लगने से मौत हो गई है. मौत के आठ दिन बाद भी विजय का शव सऊदी अरब में ही फंसा हुआ है, जिससे उनके घर में मातम पसर गया है.
उनकी पत्नी बसंती देवी, मां सावित्री देवी और पिता सूर्य नारायण महतो न्याय और शव वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं.
आखिरी वॉइस मैसेज ने खोली घटना की कहानी
मृतक की पत्नी बसंती देवी ने बताया कि उनके पति विजय कुमार महतो हुंडई इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत थे. वह पिछली बार दिसंबर 2024 में यह कहकर रांची से सऊदी अरब गए थे कि डेढ़ साल बाद लौटकर वे बेहतर जीवन जिएंगे.
बसंती ने रोते हुए बताया, “15 अक्तूबर को उनके पति का एक वॉइस मैसेज आया था.
मैसेज में उन्होंने बताया था कि उन्हें गोली लगी है और यह भी कहा था कि वे ‘अब नहीं बचेंगे’. मैसेज में बताया गया कि अपराधी और पुलिस के बीच मुठभेड़ चल रही थी और उसी दौरान उन्हें गोली लगी.” इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
सुपरवाइजर पर उठे सवाल, परिजनों ने मांगा मुआवजा
मृतक के पिता सूर्य नारायण महतो ने बताया कि उनके दो पुत्र सऊदी में काम करते हैं और विजय दूसरी बार सऊदी गए थे. उन्होंने घटना के लिए कंपनी के सुपरवाइजर पर सवाल उठाए. सूर्य नारायण महतो ने कहा, “उसके सुपरवाइजर ने ही विजय को उस जगह पर भेजा था, जहां अपराधी और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो रही थी. यहीं पर मेरे बेटे को गोली लगी और उसकी मौत हो गई.” पिता ने साफ़ मांग की है कि उन्हें मुआवजा चाहिए और पुत्र का शव भी जल्द से जल्द भारत लाया जाए.
डुमरी विधायक ने दूतावास को लिखा पत्र
घटना की जानकारी मिलने के बाद डुमरी के विधायक जयराम कुमार महतो मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे. उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया और मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दूतावास, सऊदी अरब के राजदूत को पत्र लिखा. पूरा परिवार अब भारत सरकार और दूतावास की त्वरित कार्रवाई का इंतजार कर रहा है.
विधायक जयराम कुमार महतो ने अपने पत्र में मामले की निष्पक्ष जांच, मृतक के पार्थिव शरीर को शीघ्र भारत लाने की व्यवस्था करने, और शोकग्रस्त परिवार को कानूनी व वित्तीय सहायता दिलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनकी बात लगातार कंपनी के अधिकारियों से हो रही है और उन्होंने राज्य के संबंधित लोगों को भी पत्र लिखकर मामले का संज्ञान लेने को कहा है.
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