तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां 76 वर्षीय एक डॉक्टर साइबर ठगी के शिकार होकर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गईं। पुलिस के अनुसार, 5 सितंबर को डॉक्टर को व्हाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल प्राप्त हुआ। कॉल करने वालों ने खुद को बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताते हुए पुलिस का लोगो दिखाया। उन्होंने फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिन पर सुप्रीम कोर्ट, प्रवर्तन निदेशालय और रिजर्व बैंक की नकली मुहरें थीं। ठगों ने डॉक्टर पर मानव तस्करी का झूठा आरोप लगाते हुए उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करने की धमकी दी।
70 घंटे तक जारी रहा उत्पीड़न
डॉक्टर ने 6 सितंबर को अपने पेंशन खाते से 6.6 लाख रुपये एक शेल कंपनी के खाते में भेज दिए, डर के मारे। इसके बाद भी ठगों का उत्पीड़न जारी रहा, जिसमें लगातार वीडियो कॉल, नकली कोर्ट नोटिस और धमकी भरे संदेश शामिल थे। ठगों ने एक अन्य नंबर से भी उन्हें परेशान किया। 70 घंटे तक इस मानसिक तनाव के बाद, 8 सितंबर को डॉक्टर को घर पर सीने में तेज दर्द हुआ और वह गिर पड़ीं। उन्हें तुरंत क्लिनिक ले जाया गया, लेकिन वहां उनकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी मिली। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि डॉक्टर की मृत्यु के बाद भी ठग उन्हें धमकी भरे संदेश भेजते रहे। हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें गैर-इरादतन हत्या की धारा भी शामिल है। पुलिस अब फोन रिकॉर्ड और बैंक लेन-देन की जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है।
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