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भारत के डरावने रेलवे स्टेशनों की कहानी

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डरावने रेलवे स्टेशन: एक रहस्यमय सफर

डरावने रेलवे स्टेशन: भारतीय रेलवे को देश की जीवन रेखा माना जाता है, जो विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह हर दिन लाखों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाता है। देश के हर कोने में ट्रेनें चलती हैं, और रेलवे स्टेशनों पर हमेशा चहल-पहल रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ रेलवे स्टेशन ऐसे भी हैं, जहां जाने से लोग डरते हैं? इन स्टेशनों से जुड़ी रहस्यमय कहानियों ने इन्हें 'भूतिया रेलवे स्टेशन' का नाम दे दिया है।


बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन को भारत का सबसे प्रसिद्ध भूतिया स्टेशन माना जाता है। कहा जाता है कि यहां एक महिला का भूत दिखाई देने के बाद से यह स्टेशन वीरान हो गया। 1967 में एक रेलवे अधिकारी और उनके परिवार ने यहां भूत देखने का दावा किया था। इसके बाद यह स्टेशन लगभग 42 वर्षों तक बंद रहा। हालांकि, 2009 में इसे फिर से खोला गया, लेकिन आज भी लोग रात में यहां रुकने से डरते हैं।


नैनी रेलवे स्टेशन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित नैनी रेलवे स्टेशन भी भूतिया स्टेशनों की सूची में शामिल है। इस स्टेशन के आसपास कई जेलें हैं, जहां स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था। कहा जाता है कि कुछ कैदी फांसी के बाद भी यहां भटकते हैं। कई लोगों ने रात के समय स्टेशन पर अजीब आवाजें सुनने और छायाएं देखने की बात कही है।


मुलुंड रेलवे स्टेशन

मुलुंड रेलवे स्टेशन मुंबई की लोकल ट्रेन सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसके बारे में कई डरावनी कहानियां प्रचलित हैं। कुछ यात्रियों का कहना है कि उन्होंने यहां आत्महत्या करने वाली आत्माओं को घूमते हुए देखा है। रात के समय इस स्टेशन पर अजीब घटनाएं होने की खबरें आती रहती हैं।


बड़ोग रेलवे स्टेशन

कालका-शिमला रेलवे रूट पर स्थित बड़ोग रेलवे स्टेशन भी भूतिया स्थानों में गिना जाता है। कहा जाता है कि जब ब्रिटिश शासन के दौरान इस स्टेशन का निर्माण हो रहा था, तो ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग ने गलती से एक सुरंग को गलत दिशा में बनवा दिया। इस गलती के कारण उन्हें अपमानित किया गया, और उन्होंने आत्महत्या कर ली। इसके बाद से उनकी आत्मा इस स्टेशन और सुरंग के आसपास भटकती रहती है।


रवींद्र सरोबर मेट्रो स्टेशन

कोलकाता के रवींद्र सरोबर मेट्रो स्टेशन को भी भूतिया माना जाता है। यह स्टेशन मेट्रो के ब्लू लाइन के उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर स्थित है। कहा जाता है कि इस स्टेशन पर कई लोगों ने आत्महत्या की है, और उनकी आत्माएं आज भी यहां मौजूद हैं। कई यात्रियों और मेट्रो कर्मचारियों ने स्टेशन पर सफेद साया देखने और अजीब आवाजें सुनने का दावा किया है।


क्या सच में रेलवे स्टेशन भूतिया होते हैं?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो भूतिया घटनाओं की कोई ठोस पुष्टि नहीं है, लेकिन कई लोगों के अनुभव और दावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अक्सर डरावनी घटनाएं हमारी मानसिकता और माहौल के कारण भी महसूस होती हैं। कई रेलवे स्टेशन पुरानी और सुनसान जगहों पर बने होते हैं, जहां रात में अजीब आवाजें या घटनाएं महसूस होना आम बात हो सकती है।


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