भारत की ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री में स्विगी और ज़ोमैटो दो बड़े खिलाड़ी हैं। दोनों ने ही हमारे खाने की मेज तक पहुंचाने के साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेशकों का ध्यान भी खींचा है। रिटेल इन्वेस्टर और हाई नेट वर्थ इन्वेस्टर (HNI) अक्सर इस सवाल से जूझते हैं कि स्विगी या जोमैटो दोनों में से निवेश के लिए कौन बेहतर रहेगा? शेयर्स के दाम में गिरावट के बावजूद स्विगी और जोमैटो दोनों निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। निवेशकों के पसंसीदा स्टॉकज़ोमैटो ने हाल के वर्षों में अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है। कंपनी ने तिमाही मुनाफा दर्ज किया है। यह स्टॉक खुदरा निवेशकों द्वारा आठवां सबसे अधिक खरीदा गया स्टॉक बन गया है। खुदरा निवेशकों ने 762 करोड़ रुपये खर्च करके 3.41 करोड़ शेयर्स खरीदें। बात करें स्विगी की तो भले ही तिमाही के दौरान स्टॉक में लगभग 39% के गिरावट दर्ज हुई हो, लेकिन यह खुदरा निवेशकों द्वारा चौथा सबसे अधिक खरीदा गया स्टॉक था। खुदरा निवेशकों ने 1148 करोड रुपये में 2.95 करोड़ शेयर्स जोड़ें। बाजार हिस्सेदारीफूड डिलीवरी में ज़ोमैटो की मजबूत पकड़ है और इसका क्विक कॉमर्स आर्म, ब्लिंकिट, बाजार में अग्रणी है। ज़ोमैटो का नाम अब इटरनल हो चुका है, जो इसके ब्रांड को और मजबूत करता है। स्विगी अभी भी घाटे में है। हालांकि, कंपनी ने हाल ही में अपने मुख्य बिजनेस में ऑपरेशनल मुनाफा दर्ज किया है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।कई निवेशक जोमैटो में निवेश करने को सुरक्षित दांव मानते हैं क्योंकि यह नगदी से समृद्ध और मुनाफे पर ध्यान दे रहा है। हाल के दबाव के बावजूद इसके शेयर लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दे चुके हैं। स्विगी का कैशबर्न उसके लाभ में कमी से भी अधिक तीव्रएचएसबीसी के अनुसार दोनों के लिए ही तिमाही दर तिमाही 20% की वृद्धि दर्ज हुई है, लेकिन स्विगी के घाटे में भी उछाल देखने को मिला है। जहां ब्लिंकिट को ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के हर 100 रुपये में 2 रुपये का घाटा हुआ है वहीं स्विगी इन्स्टामार्ट में 18 रुपये का घाटा हुआ है। एचएसबीसी का कहना है कि स्विगी ब्लिंकिट से 60% छूट पर कारोबार कर रहा है। इसके बाद भी ब्रोकरेज स्विगी प्रतिस्पर्धी दबाव और नगद की कमी का हवाला देते हुए ईटरनल को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। स्विगी का फूड डिलीवरी में करीब 45% बाजार हिस्सा है, लेकिन क्विक कॉमर्स में इसका इंस्टामार्ट अभी ज़ोमैटो के ब्लिंकिट से पीछे है। स्विगी का फोकस टायर 2 और टायर 3 शहरों में विस्तार और 10 मिनट डिलीवरी जैसे इनोवेशन पर है। निवेशकों का उत्साह बढ़ रहा नवंबर 2024 में स्विगी का आईपीओ आया था, जिस पर निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस प्राप्त हुआ। इसके बाद भी इसकी रणनीतिक साझेदारियां और अंतरराष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं निवेशकों के उत्साह को बढ़ा रही है। क्या है निवेशकों का दृष्टिकोण?खुदरा निवेशक और एचएनआई दोनों ही स्विगी और ज़ोमैटो में निवेश के अवसर देखते हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं अलग हो सकती हैं। खुदरा निवेशक अक्सर स्थिरता और लंबी अवधि के रिटर्न की तलाश में रहते हैं। कई खुदरा निवेशक दोनों में छोटे-छोटे निवेश कर सकते हैं ताकि जोखिम कम हो और दोनों कंपनियों की वृद्धि का फायदा उठाया जा सके। इसके अलावा एचएनआई निवेशक बड़े जोखिम लेने और उच्च रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। ब्रोकरेज ने कम किया लक्ष्यजेफरीज ने स्विगी के लिए अपने लक्ष्य को 400 रुपये से घटाकर 380 रुपये कर दिया है। इसके साथ ही ब्रोकरेज ने यह संकेत दिया है कि उच्च प्रतिस्पर्धी तीव्रता के कारण केवल मार्जिन के दबाव के साथ ही अल्पकालिक प्रदर्शन में नई अस्थिरता आ सकती है। मॉर्गन स्टेनली ने जोमैटो पर अपने लक्ष्य मूल्य को कम करके 320 रुपये कर दिया है। इसके अलावा जेपी मॉर्गन ने भी टारगेट 340 रुपये से कम करके 290 रुपये कर दिया है। दोनों पर भी दांव लगा रहे हैं कई निवेशकस्विगी और ज़ोमैटो में से एक को चुनने के बजाय, कई निवेशक दोनों में निवेश करने की रणनीति अपना रहे हैं। भारत में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स बाजार तेजी से वृद्धि कर रहा है। दोनों ही कंपनी है इस वृद्धि का हिस्सा बनी हुई हैं। इसलिए निवेशक दोनों के जरिए सेक्टर की सफलता का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं।
You may also like
भारत और पाकिस्तान की परमाणु हथियार नीति क्या है और कैसे रखे जाते हैं ये हथियार
Supreme Court On High Courts: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित मामलों पर अपनाया सख्त रुख, कहा- इनका आउटपुट देखा जाना चाहिए
UPSSSC PET 2025: ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू
8th Pay Commission Expected Allowance : सियाचिन में तैनात जवानों और अधिकारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार ₹30,000 से ₹42,500 तक का मासिक भत्ता
डॉ. मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार प्रमुख बनने के बाद पहली बार गृहनगर चटगांव पहुंचे