इस डिजिटल युग में चैटजीपीटी जैसे कई एआई एप्लीकेशन आ चुके हैं। जो लोगों की मुश्किलें आसान कर रहे हैं। बच्चों के होमवर्क से लेकर ऑफिस भेजे जाने वाली ईमेल तक के लिए लोग चैटजीपीटी आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधित टिप्स से लेकर घरों में इस्तेमाल होने वाली चीजें और अन्य लगभग सभी प्रकार के सवालों के जवाब अब कई लोग गूगल की जगह एआई प्लेटफॉर्म पर तलाशते रहे है ? पर क्या ऐसे एआई प्लेटफॉर्म के जरिए दिए जाने वाले सभी जवाबों पर यकीन करना सही होगा? क्या चैटजीपीटी के माध्यम से आप अपने फाइनेंस को भी मैनेज कर सकते हैं?
एआई पर भरोसा खतरनाकयदि आप हर सवालों के जवाब के लिए एआई पर निर्भर हो गए हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें लोगों ने एआई की सलाह मानी और वे मुसीबत में पड़ गए । फिर चाहे एआई द्वारा फेक लीगल केस की जानकारी देना हो या रिफंड या अन्य गलत जानकारियां हो। एक बार एआई की सलाह मानकर एक युवक मेंटल हॉस्पिटल तक जा चुका है। तो ऐसे में आप समझ सकते हैं कि यदि आप ए की सलाह मानकर निवेश करते हैं तो वह आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है। खुद चैटजीपीटी भी कहता है कि निवेश के लिए केवल वित्तीय एक्सपर्ट की सलाह को ही मनाना चाहिए ना की कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म को।
एआई से बुनियादी शोधआप आई का इस्तेमाल बुनियादी शोध के लिए कर सकते हैं। कई निवेशक तो बाजार में हो रही हलचल और जोखिम के लिए भी इन टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि कई बार यह टूल्स आपको भ्रामक जानकारियां भी दे सकते हैं। क्योंकि अभी तक किसी भी ए टूल को निवेश की सलाह देने के लिए प्रमाणिकता नहीं दी गई है। यह बात मार्केट्स इन फ़ाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स डायरेक्टिव (MiFID) द्वारा भी कही जा चुकी है।
क्या चैटजीपीटी बन सकता है फाइनेंशियल एडवाइजर?चैटजीपीटी या अन्य एआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से आप टैक्स बचाने के तरीके, फाइनेंस मैनेजमेंट करने के तरीके जान जरूर सकते हैं लेकिन आंख मूंदकर उन पर भरोसा करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। यह हमारा फाइनेंशियल एडवाइजर बिल्कुल भी नहीं बन सकता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मार्केट में होने वाले नुकसान या टैक्स नियमों के बारे में गहनता से जानकारी नहीं दे सकता है। यदि जानकारी दी भी जाती है तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वह 100% सही हो।
विश्वसनीय नहीं एआईकैम्ब्रिज सेंटर फॉर अल्टरनेटिव फ़ाइनेंस के किरन गार्वे क्या कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से आप डाटा का विश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन इनकी बातों पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी सलाह विश्वसनीय नहीं होती। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें एआई के द्वारा दी गई जानकारी केवल भ्रामक पाई गई। इसलिए यदि आप भी चैट जीपीटी जैसे एआई टूल के जरिए अपने फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए। वित्तीय प्लानिंग के लिए किसी भी वित्तीय एक्सपर्ट से सलाह लेना ज्यादा बेहतर होगा।
एआई पर भरोसा खतरनाकयदि आप हर सवालों के जवाब के लिए एआई पर निर्भर हो गए हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें लोगों ने एआई की सलाह मानी और वे मुसीबत में पड़ गए । फिर चाहे एआई द्वारा फेक लीगल केस की जानकारी देना हो या रिफंड या अन्य गलत जानकारियां हो। एक बार एआई की सलाह मानकर एक युवक मेंटल हॉस्पिटल तक जा चुका है। तो ऐसे में आप समझ सकते हैं कि यदि आप ए की सलाह मानकर निवेश करते हैं तो वह आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है। खुद चैटजीपीटी भी कहता है कि निवेश के लिए केवल वित्तीय एक्सपर्ट की सलाह को ही मनाना चाहिए ना की कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म को।
एआई से बुनियादी शोधआप आई का इस्तेमाल बुनियादी शोध के लिए कर सकते हैं। कई निवेशक तो बाजार में हो रही हलचल और जोखिम के लिए भी इन टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि कई बार यह टूल्स आपको भ्रामक जानकारियां भी दे सकते हैं। क्योंकि अभी तक किसी भी ए टूल को निवेश की सलाह देने के लिए प्रमाणिकता नहीं दी गई है। यह बात मार्केट्स इन फ़ाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स डायरेक्टिव (MiFID) द्वारा भी कही जा चुकी है।
क्या चैटजीपीटी बन सकता है फाइनेंशियल एडवाइजर?चैटजीपीटी या अन्य एआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से आप टैक्स बचाने के तरीके, फाइनेंस मैनेजमेंट करने के तरीके जान जरूर सकते हैं लेकिन आंख मूंदकर उन पर भरोसा करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। यह हमारा फाइनेंशियल एडवाइजर बिल्कुल भी नहीं बन सकता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मार्केट में होने वाले नुकसान या टैक्स नियमों के बारे में गहनता से जानकारी नहीं दे सकता है। यदि जानकारी दी भी जाती है तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वह 100% सही हो।
विश्वसनीय नहीं एआईकैम्ब्रिज सेंटर फॉर अल्टरनेटिव फ़ाइनेंस के किरन गार्वे क्या कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से आप डाटा का विश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन इनकी बातों पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी सलाह विश्वसनीय नहीं होती। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें एआई के द्वारा दी गई जानकारी केवल भ्रामक पाई गई। इसलिए यदि आप भी चैट जीपीटी जैसे एआई टूल के जरिए अपने फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए। वित्तीय प्लानिंग के लिए किसी भी वित्तीय एक्सपर्ट से सलाह लेना ज्यादा बेहतर होगा।
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