जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को रेप के एक मामले में दोषी ठहराया गया है.
पिछले साल उनके ख़िलाफ़ यौन शोषण के चार मामले दर्ज किए गए थे. इन चार मामलों में से पहले मामले में उन्हें शुक्रवार को दोषी क़रार दिया गया है.
प्रज्वल रेवन्ना को उनके घर में काम करने वाली 48 वर्षीय महिला सर्वाइवर के रेप केस में लगाए गए सभी आरोपों में दोषी ठहराया गया है.
निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत की अध्यक्षता करने वाले एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशन्स जज संतोष गजानन भट ने ये फ़ैसला सुनाया.
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प्रज्वल रेवन्ना को कितनी सज़ा हो सकती है?
इस मामले में प्रज्वल रेवन्ना को सज़ा शनिवार, 2 अगस्त को सुनाई जाएगी.
उन्हें आईपीसी की धारा 376(2)(के) (प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा रेप), 376(2) (एन) (बार-बार रेप), 354(ए) (कपड़े उतारने के इरादे से हमला या बल का प्रयोग), 354(सी) (ताक-झांक), 506 (साक्ष्यों को ग़ायब करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(ई) के तहत दोषी क़रार दिया गया है.
विशेष सरकारी वकील बीएन जगदीश ने बीबीसी हिंदी को बताया, "इन धाराओं के तहत अपराधों के लिए कम से कम 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा हो सकती है. अदालत कुछ सबूतों की जाँच के बाद सज़ा तय करेगी."
अभियोजन पक्ष ने 1632 पेजों की चार्जशीट, इलेक्ट्रॉनिक और ग़ैर-इलेक्ट्रॉनिक सबूत के साथ 183 डॉक्यूमेंट पेश किए. अदालत ने केस दर्ज कराने वाली सर्वाइवर के परिवार सहित 26 गवाहों से पूछताछ की थी.
अदालत ने इस साल 2 मई को मामले की सुनवाई शुरू की और मामले को पूरा करने के लिए हर रोज़ बैठक की.
अदालत में मौजूद वकीलों के मुताबिक़, जज के फ़ैसला सुनाए जाने के बाद प्रज्वल रेवन्ना अदालत में ही रो पड़े.
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विशेष जाँच दल (एसआईटी) की चार महिला पुलिस अधिकारी प्रज्वल रेवन्ना को भारी सुरक्षा के बीच परप्पना अग्रहारा जेल से कोर्ट लेकर आई थीं.
जज के आदेश के कुछ ही मिनटों के अंदर, उन्हें वापस जेल ले जाया गया.
ये वही महिला अधिकारी थीं, जिन्होंने 31 मई, 2024 को बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ़्तार किया था. प्रज्वल रेवन्ना पिछले साल 26 अप्रैल को हासन लोकसभा सीट पर वोटिंग ख़त्म होते ही जर्मनी भाग गए थे.
प्रज्वल रेवन्ना की वापसी तब हुई थी, जब उनके दादा एचडी देवगौड़ा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे वापस आकर देश के क़ानून का सामना करें. जर्मनी से वापस आते ही रेवन्ना को एयरपोर्ट पर ही गिरफ़्तार कर लिया गया था.
प्रज्वल रेवन्ना ने अपने कथित यौन शोषण के वीडियो वायरल होते ही देश छोड़ने के लिए अपने राजनयिक पासपोर्ट (जो सांसदों को दिया जाता है) का इस्तेमाल किया था.
हासन में "हज़ारों" पेन ड्राइव के ज़रिए कथित यौन शोषण के वीडियो वायरल हुए थे. इन पेन ड्राइव में 2960 क्लिप थीं और ज़्यादातर क्लिप्स में सर्वाइवर की पहचान उजागर हो गई थी.
प्रज्वल रेवन्ना हासन से 40 हज़ार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे.
महिला पुलिस अधिकारियों की टीम ने केआर नगर के एक फ़ार्म हाउस से केस करने वाली सर्वाइवर को बचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी.
आरोप है कि सर्वाइवर को एसआईटी के सामने पेश होने से रोकने के लिए प्रज्वल के पिता और कर्नाटक सरकार में मंत्री रहे एचडी रेवन्ना और उनकी पत्नी भवानी रेवन्ना ने कथित तौर पर उसका अपहरण कर लिया था.
इस अपहरण मामले की सुनवाई जारी है. एचडी रेवन्ना ने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक साज़िश क़रार दिया है. एचडी रेवन्ना को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था, लेकिन उन्हें इस मामले में ज़मानत मिल गई थी.
चार्जशीट में क्या बताया गया है?प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ चार्जशीट में कहा गया है कि अभियुक्त ने 2021 में सर्वाइवर का दो बार रेप किया. एक बार हासन ज़िले के होलेनरसीपुर स्थित फ़ार्महाउस पर और एक बार एचडी रेवन्ना के बेंगलुरु स्थित आवास पर.
चार्जशीट के मुताबिक़ दोनों ही मामलों में, अभियुक्त ने अपने कृत्य का वीडियो रिकॉर्ड किया था.
चार्जशीट में कहा गया है कि वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि सर्वाइवर यौन उत्पीड़न का विरोध कर रही है और रो रही है. यही बात 28 अप्रैल, 2024 को दर्ज सर्वाइवर की शिकायत में भी है.
फॉरेंसिक रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना हैं. सर्वाइवर ने घटना के समय पहनी हुई अपनी साड़ी एक अलमारी में सुरक्षित रख दी थी, जहाँ वह काम करती थीं और डीएनए एनालिसिस में साड़ी पर प्रज्वल रेवन्ना के निशान मिले हैं.
प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ आरोप सबसे पहले जून 2022 में सामने आए थे. हालाँकि, उन्हें मीडिया के सभी वर्गों के लिए एक गैग ऑर्डर मिल गया था, जिसके बाद इस मामले की मीडिया रिपोर्ट नहीं हो पाई थी.
उनके घर में काम करने वाली सर्वाइवर के अप्रैल में शिकायत दर्ज कराने के बाद तीन अन्य सर्वाइवर ने भी प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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