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आईपीएल: पंजाब किंग्स की क़िस्मत रिकी पोंटिंग ने कैसे बदल दी

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Getty Images खेल विशेषज्ञों का मानना है कि रिकी पोंटिंग को श्रेयस अय्यर की कप्तानी पर काफ़ी भरोसा है.

आपको फ़िल्म 'चक दे इंडिया' तो याद ही होगी. जिसमें हीरो शाहरुख़ ख़ान ने कोच कबीर ख़ान का किरदार निभाया था. कबीर ख़ान की पहचान ऐसे कोच की थी जिसने एक कमज़ोर मानी जा रही टीम को तैयार करके चैंपियन टीम बनाया दिया था.

आईपीएल फ़ाइनल से पहले पंजाब किंग्स के कोच और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग की तुलना भी कबीर ख़ान से हो रही है.

पिछले साल सितंबर में जब रिकी पोंटिंग को पंजाब किंग्स का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था, तो शायद क्रिकेट के जानकारों ने भी नहीं सोचा था कि उनकी अगुआई में पंजाब किंग्स का प्रदर्शन इतना बेहतर हो जाएगा.

पंजाब आईपीएल इतिहास में इससे पहले सिर्फ़ एक बार 2014 में फ़ाइनल में पहुंची थी. इसके 11 साल बाद रिकी पोंटिंग की कोचिंग और श्रेयस अय्यर की कप्तानी में टीम एक बार फिर फ़ाइनल खेल रही है.

2014 में जॉर्ज बेली की कप्तानी वाली पंजाब किंग्स की टीम फ़ाइनल में खेली थी, लेकिन जीत नहीं सकी थी. तब उसे कोलकाता नाइटराइडर्स ने तीन विकेट से हराया था.

ऐसे में सवाल यही है कि रिकी पोंटिंग की कोचिंग ने आख़िरकार ऐसा क्या बदला जिससे टीम में इतने बड़े बदलाव आए.

image Getty Images पंजाब से पहले रिकी पोंटिंग दिल्ली के साथ बतौर कोच काम कर चुके हैं. जब पोंटिंग बने पंजाब के कोच

दिल्ली कैपिटल्स छोड़ने के बाद पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को पंजाब किंग्स का मुख्य कोच नियुक्त किया गया.

पोंटिंग सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक हैं. रिकी पोंटिंग ने 2024 आईपीएल के बाद दिल्ली कैपिटल्स को छोड़ दिया था, जब टीम आईपीएल में छठे स्थान पर थी.

वैसे कोच के रूप में उनका करियर बहुत अधिक पटरी पर नहीं दिख रहा था. पोंटिंग के नेतृत्व में दिल्ली कैपिटल्स तीन बार प्लेऑफ़ में पहुंची, लेकिन बाद के तीन सीज़न में टीम कभी प्लेऑफ़ तक नहीं पहुंच सकी. पोंटिंग से पहले पंजाब किंग्स सिर्फ़ पांच बार प्लेऑफ में पहुंची थी.

लेकिन अहम पहलू ये है कि पंजाब किंग्स 2024 आईपीएल में नौवें स्थान पर रही थी और इसके बाद पोंटिंग की कोचिंग में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है.

रिकी पोंटिंग ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, "एक बार जब मुझे ज़िम्मेदारी मिल गई, तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि यह टीम पूरी तरह से अलग हो, हमने नीलामी के दौरान भी थोड़ा अलग नज़रिया अपनाया था."

image Getty Images अर्शदीप सिंह इस आईपीएल में पंजाब के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं और अब तक 18 विकेट ले चुके हैं. पोंटिंग ने कैसे बदली पंजाब किंग्स की मानसिकता

पंजाब किंग्स में पोंटिंग की भूमिका टीम के चयन से लेकर खिलाड़ियों की भूमिका निर्धारित करने तक थी.

पोंटिंग ने श्रेयस अय्यर के कप्तान बनने पर कहा था कि 'पंजाब किंग्स में अब मज़बूत बदलाव की उम्मीद है.'

उन्होंने कहा था, "मैं टीम की रणनीति में बदलाव करना चाहता हूं. टीम में युवा खिलाड़ियों को जगह देने को प्राथमिकता दी जाएगी."

खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान उन्होंने मीडिया से यह भी कहा था, "मैं शुरू से ही बदलाव चाहता था, इसीलिए मैंने नीलामी के दौरान श्रेयस अय्यर और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों का चयन किया."

, पंजाब किंग्स ने रिकी पोंटिंग के हवाले से कहा, "इस टीम का पूरा ध्यान आईपीएल जीतना है. जब मैं धर्मशाला में कैंप में शामिल हुआ, तो मैंने पहले दिन खिलाड़ियों से कहा कि हम अब तक की सर्वश्रेष्ठ खेलने वाली पंजाब किंग्स टीम बनाने जा रहे हैं और बनाएंगे."

"यह वह यात्रा है जिस पर हम चल रहे हैं और यह रातोंरात नहीं होगा. आपको यह रवैया अपनाना होगा."

कमेंटेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ सरनदीप सिंह कहते हैं, "पोंटिंग ने टीम का मनोबल बहुत बढ़ाया. उन्होंने टीम को ख़ुद को विजेता मानना सिखाया. उन्होंने टीम को एकजुट रखा. उन्होंने टीम के तौर पर खेलने और जीतने का महत्व सिखाया."

"पोंटिंग एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो जीत को दिल से महसूस करते हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को तीन विश्व कप जितवाए. पोंटिंग ने पंजाब किंग्स टीम में भी यही जीत का जज्बा भरा."

सरनदीप का कहना है कि रिकी पोंटिंग ने टीम में पंजाब के ज़्यादा खिलाड़ियों को इसलिए चुना ताकि वे 'पंजाब किंग्स' टीम की जीत के लिए अपना सबकुछ झोंक दें.

image BBC

बीबीसी संवाददाता हरपिंदर सिंह तोहरा से बात करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर और युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने पंजाब किंग्स के कोच रिकी पोंटिंग की तारीफ़ की.

योगराज सिंह ने कहा कि 'जिस तरह एक परिवार का मुखिया परिवार को चलाता है, उसी तरह पोंटिंग भी टीम को चला रहे हैं. पंजाब किंग्स की सबसे बड़ी सफलता का राज भी यही है.'

योगराज सिंह ने कहा कि रिकी पोंटिंग में वह सभी नेतृत्व गुण मौजूद हैं जो एक कोच में होने चाहिए.

योगराज सिंह कहते हैं कि 'क्रिकेट सिर्फ़ चौकों-छक्कों का खेल नहीं है, क्रिकेट दिमाग़ से भी खेला जाता है. ये खूबियां रिकी पोंटिंग में हैं. पोंटिंग क्रिकेट को बारीक़ी से समझते हैं.'

image Getty Images दिल्ली की टीम में भी रिकी पोंटिंग और श्रेयस अय्यर साथ थे. श्रेयस अय्यर पर भरोसा

दिल्ली कैपिटल्स जब पहली बार आईपीएल फ़ाइनल में पहुंची थी, तो उसकी कप्तानी श्रेयस अय्यर कर रहे थे.

क्रिकेट विशेषज्ञ सरनदीप सिंह कहते हैं, "रिकी पोंटिंग चाहते थे कि श्रेयस अय्यर को पंजाब किंग्स का कप्तान बनाया जाए. दोनों के बीच तालमेल बहुत अच्छा है. दोनों कैपिटल्स में एक साथ थे."

"पोंटिंग अय्यर की क्षमता से वाक़िफ थे और जानते थे कि कप्तान के रूप में वह किस स्तर की भूमिका निभा सकते हैं."

श्रेयस ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई और कई रिकॉर्ड बनाए. इस बार उन्होंने आईपीएल प्लेऑफ़ में किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा खेली गई सबसे बड़ी पारी खेली.

image Getty Images प्रभसिमरन सिंह. अनकैप्ड खिलाड़ियों पर दांव

पंजाब किंग्स में उन अनकैप्ड खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई है, जिन्होंने अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट नहीं खेला है.

सरनदीप सिंह का कहना है कि पोंटिंग ने टीम में चार अनकैप्ड खिलाड़ियों को टीम में जगह दी, जबकि पहले यह चलन रहा है कि विदेशी कोच ऐसे खिलाड़ियों को तरजीह नहीं देते थे.

उन्होंने कहा, "प्रियांश आर्य का चयन भी ऐसा है. उन्हें न केवल टीम में जगह दी गई बल्कि कप्तान और टीम से कहा गया कि वे उन्हें खुलकर अपना खेल दिखाने दें."

सरनदीप का कहना है, "घरेलू पिच का फ़ायदा यह है कि अगर खिलाड़ी अपनी शैली और फ़ॉर्म में खेलें तो वे उम्मीद से भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. उन्होंने प्रभसिमरन, निहाल वढेरा और हरप्रीत सिंह बराड़ जैसे खिलाड़ियों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया और टीम को उन्हें खुले दिल से स्वीकार करने के लिए भी प्रेरित किया."

इसके अलावा अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों को टीम का हिस्सा बनाने के फ़ैसले से पंजाब किंग्स की सफलता को आकार देने में अहम भूमिका निभाई.

image Getty Images विशेषज्ञों का मानना है कि रिकी पोंटिंग ने पंजाब किंग्स के बेहतर प्रदर्शन को चुनौती के रूप में लिया. पोंटिंग के सामने चुनौतियां

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अतुल वासन पंजाब किंग्स के अच्छे प्रदर्शन का सारा श्रेय कोच रिकी पोंटिंग को नहीं देते हैं.

बीबीसी संवाददाता हरपिंदर सिंह तोहरा से बात करते हुए उन्होंने कहा, "पोंटिंग ने आईपीएल के पिछले कई सत्रों में विभिन्न टीमों को कोचिंग दी है, लेकिन हर टीम ने उनकी कोचिंग में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है."

"इस बार पंजाब किंग्स के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय कोच की नहीं बल्कि टीम की कड़ी मेहनत को दिया जाना चाहिए."

वहीं सरनदीप सिंह कहते हैं कि 'दरअसल पोंटिंग के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण स्थिति थी. उनकी कोचिंग में दिल्ली कैपिटल्स ने पिछले तीन सीजन में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था. लेकिन अब उन्होंने इसे चुनौती के तौर पर लिया और पंजाब किंग्स की टीम को फ़ाइनल तक पहुंचाया.'

image Getty Images बतौर खिलाड़ी रिकी पोंटिंग का सफर

पोंटिंग ने बहुत छोटी उम्र में ही क्रिकेट में अपनी प्रतिभा दिखानी शुरू कर दी थी.

उन्होंने जूनियर क्रिकेट प्रतियोगिता में एक सप्ताह में चार शतक लगाने के बाद 12 साल की उम्र में बैट स्पॉन्सरशिप डील साइन की थी. महान विकेटकीपर रॉडनी मार्श ने बाद में उन्हें सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ किशोर बल्लेबाज बताया.

पोंटिंग ने 1995 में पर्थ में श्रीलंका के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू मैच में मात्र 20 वर्ष की आयु में 96 रन बनाये थे.

अपने क्रिकेटर करियर में वे कई विवादों में भी शामिल रहे हैं. 1999 की शुरुआत में, एक नाइट क्लब में हुए विवाद के बाद पोंटिंग को तीन मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया था, जिसमें उनकी आंख में चोट लग गई थी.

उन्होंने मैदान के बाहर की अपनी समस्याओं को सुलझा लिया और जल्द ही उस टीम का हिस्सा बन गए जिसने उसी साल इंग्लैंड में विश्व कप जीता.

जब शेन वार्न, ग्लेन मैकग्राथ और एडम गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ी अक्सर सुर्ख़ियों में रहते थे, पोंटिंग उस ऑस्ट्रेलियाई टीम का अहम हिस्सा थे जिसने एक दशक तक विश्व क्रिकेट पर अपना दबदबा कायम रखा, जो अपनी तरह का सबसे लंबा दौर था.

image Getty Images अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए क्रिकेट फ़ैंस पंजाब किंग्स टीम से जीत की उम्मीद कर रहे हैं. पंजाब किंग्स का फाइनल तक का सफर

सरनदीप सिंह कहते हैं कि पोंटिंग की कोचिंग ऑस्ट्रेलियाई खेल शैली को दर्शाती है. ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरू से ही आक्रामक और जीतने की मानसिकता के साथ खेलती है.

इस बार पंजाब किंग्स आईपीएल 2025 में भी कुछ इसी अंदाज में मैदान पर थी. पंजाब किंग्स ने आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है और अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया है.

जब पंजाब की टीम को अपने कप्तान के बल्ले की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तब श्रेयस का बल्ला चला और इतना चला कि क़माल हो गया.

श्रेयस अय्यर ने मुंबई के ख़िलाफ़ फ़ाइनल मुक़ाबले में जोरदार छक्का लगाकर बुमराह को संभलने नहीं दिया बल्कि उनकी यॉर्कर को भी बखूबी संभाला और पंजाब को 11 साल बाद फ़ाइनल का टिकट दिलाया.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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