अवैध मादक पदार्थ व अन्य अपराधों की रोकथाम के लिए गठित डीएसटी को एसपी ने रविवार को लाइन हाजिर कर दिया। इस टीम में प्रभारी हरिमन मीना सहित दस सदस्य थे। एसपी विकास सांगवान ने इस मामले की जांच निवाई डीएसपी मृत्युंजय मिश्रा को सौंपी है।
दूसरी ओर, इस कार्रवाई को लेकर पुलिस स्टाफ व लोगों में चर्चा है कि जिले में अपराधों पर नियंत्रण के उद्देश्य से टीम का गठन किया गया था, लेकिन टीम अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरत रही है। कहा जा सकता है कि इस टीम ने अपराधियों से मिलीभगत कर निजी फायदा उठाया है।
ज्ञात हो कि जिले में अवैध मादक पदार्थ, अवैध बजरी खनन, जुआ-सट्टा आदि की रोकथाम के लिए लंबे समय से डीएसटी का गठन किया गया है। इसके प्रभारी हरिमन मीना थे। टीम में प्रभारी सहित दस सदस्य थे। एसपी को पिछले कुछ दिनों से इस टीम की कार्यशैली को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। सूत्रों के अनुसार यह टीम उच्चाधिकारियों से छिपाकर अवैध कारोबार में लिप्त लोगों का साथ देती है। एसपी को इसकी शिकायतें मिल रही थीं। एसपी विकास सांगवान ने टीम के खिलाफ बढ़ती शिकायतों को गंभीरता से लिया और अपने स्तर पर जांच कराई तो पूरी टीम की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया।
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