भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने "ऑपरेशन सिंदूर" की अभूतपूर्व सफलता और भारतीय सैनिकों द्वारा पाकिस्तानी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के बाद देशभर में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान को सलाम करना था, साथ ही देशवासियों को एकजुट करने का संदेश देना था।
इसी कड़ी में मंगलवार शाम को सीकर जिले में भी एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। रामलीला मैदान से शुरू हुई यह यात्रा कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के नेतृत्व में शहर भर में निकाली गई। यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों और आम नागरिकों ने हिस्सा लिया और अपने हाथों में तिरंगे झंडे लेकर भारत माता की जय के नारे लगाए।
यात्रा के दौरान सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और उनके साहसिक पराक्रम की सराहना की। यात्रा में लोग भारतीय सेना के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए उमंग और जोश से भरे हुए थे। तिरंगा यात्रा सीकर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से होते हुए सीकर की मुख्य चौक पर समाप्त हुई, जहां पार्टी नेताओं ने अपने संबोधन में भारतीय सैनिकों की वीरता और देशभक्ति पर प्रकाश डाला।
कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने अपने संबोधन में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सैनिकों ने जिस तरह से पाकिस्तानी आक्रमण का जवाब दिया, वह हमारे देश की सामर्थ्य और सैन्य शक्ति का प्रतीक है। इस तिरंगा यात्रा के माध्यम से हम उन वीर जवानों को सम्मानित करना चाहते हैं जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दी।"
वहीं यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा, "भारत हमेशा अपनी सीमा की सुरक्षा करने में सक्षम रहेगा। ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सैनिकों की बहादुरी हमें यह संदेश देती है कि हम किसी भी चुनौती का सामना पूरी ताकत से कर सकते हैं। यह तिरंगा हमारी ताकत और एकता का प्रतीक है।"
यात्रा में भाजपा के कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी शामिल हुए। यात्रा के दौरान सीकर के नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यात्रा के साथ ही भारतीय सेना के सम्मान में भाषण, गीत और आभार व्यक्त करने के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
यह तिरंगा यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं थी, बल्कि यह भारतीय एकता, सैनिकों के प्रति सम्मान और देशभक्ति का उत्सव बन गई। यात्रा के आयोजन से सीकर की सड़कों पर एक जोश और उत्साह की लहर दौड़ गई, जिसमें नागरिकों ने मिलकर देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम व्यक्त किया।
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