झालावाड़ जिले के मनोहर थाना उपखंड के पिपलोदी गाँव में हुए स्कूल हादसे के शिकार हुए 7 बच्चों में से 6 का आज पिपलोदी गाँव में अंतिम संस्कार किया गया, जबकि एक बच्चे को पास के गाँव चांदपुरा भीलान ले जाया गया। पिपलोदी गाँव में जैसे ही 6 बच्चों की अर्थियाँ एक साथ उठीं, चीख-पुकार मच गई।एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सुबह 5:00 बजे सभी मृतक बच्चों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए। मनोहर थाना अस्पताल से उन्हें अलग-अलग वाहनों से उनके घर भेजा गया। शव पहुँचते ही पूरे गाँव में कोहराम मच गया।
पुलिस की मौजूदगी में अंतिम यात्रा निकाली गई
शवों के गाँव पहुँचने से पहले ही ताबूत बनाने का काम शुरू हो गया था, इसलिए आनन-फानन में सभी मृतक बच्चों के ताबूत सजाए गए और भारी पुलिस बल के साथ दुर्घटनास्थल के पास स्थित श्मशान घाट पर पहुँचाए गए।
भाई-बहन को एक ही चिता पर ले जाया गया
हादसे का शिकार हुए दोनों भाई-बहनों, कान्हा और मीना को एक ही अर्थी पर श्मशान घाट ले जाया गया। सभी लोगों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर एक साथ किया गया और छह बच्चों का अंतिम संस्कार पाँच चिताओं पर किया गया। सभी बच्चों की चिताओं को उनके पिताओं ने मुखाग्नि दी। बच्चों की चिताएँ जलते ही वहाँ मौजूद लोग रोने लगे। वहीं, एक बच्चे का अंतिम संस्कार चाँदपुरा भीलान गाँव में किया गया।
स्कूल हादसे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने बताया कि कल से गाँव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला है और पूरे गाँव में तनावपूर्ण मातम और सन्नाटा पसरा हुआ है। हादसे के बाद गाँव के लोग बेहद गुस्से में हैं। हादसे में दो परिवारों का इकलौता चिराग बुझ गया, जबकि एक परिवार के दोनों बच्चों की मौत हो गई है। मरने वाले ज़्यादातर बच्चों की उम्र 7 से 10 साल के बीच है, और परिवारों की हालत बेहद खराब है। अधिकांश बच्चों के माता-पिता कठिन परिश्रम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
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