अजमेर की एक अदालत ने एक प्रसिद्ध आईएएस कोचिंग संस्थान के निदेशक एवं शिक्षक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को मंगलवार, 22 जुलाई को अदालत में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है। यह आदेश दिव्यकीर्ति द्वारा अपने कोचिंग संस्थान में न्यायपालिका और मजिस्ट्रेट के विरुद्ध की गई विवादास्पद एवं अभद्र टिप्पणी के मामले में दिया गया है।
हालांकि, मंगलवार को हुई सुनवाई में डॉ. दिव्यकीर्ति व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से अधिवक्ताओं ने हाजिरी माफी हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसे माननीय न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही, अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दिव्यकीर्ति अब अगली सुनवाई 2 अगस्त, 2025 को अदालत में अवश्य उपस्थित हों। यदि वे निर्धारित तिथि पर भी अदालत में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 90 के अंतर्गत गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा।
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से आज अदालत में एक अर्जी भी पेश की गई, जिसमें धारा 90 के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की गई। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी करने से पहले अदालत में पेश होने का एक आखिरी मौका दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा विवाद विकास दिव्यकीर्ति के एक वीडियो शो 'आईएएस बनाम जज - कौन ज़्यादा ताकतवर' से शुरू हुआ था। इस वीडियो में विकास दिव्यकीर्ति ने आईएएस अधिकारियों को जजों से ज़्यादा ताकतवर बताया था। इस वीडियो को लेकर वकील कमलेश मंडोलिया ने अजमेर कोर्ट में दिव्यकीर्ति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
You may also like
अतिक्रमण हटाओ अभियान, बंगाली मुसलमान, असम में घमासान...हिमंत बिस्वा सरमा और ममता बनर्जी भी भिड़े
ind vd eng: चौथे टेस्ट से पहले भारतीय टीम को एक और झटका, नीतीश रेड्डी और अर्शदीप सिंह के बाद यह खिलाड़ी भी हुआ बाहर
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण का 'झुनझुना', कोर्ट-कोर्ट का चल रहा है खेल और 'झुल' रहे छात्र
परमाणु पनडुब्बियां, K-6 मिसाइल, MIRV सिस्टम... भारत के पास समंदर में चीन-अमेरिका को रौंदने की शक्ति, पाकिस्तान का खौफ देखें
पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त को लगेगा? 100 साल के सबसे लंबे ग्रहण पर क्यों बढ़ा भ्रम, जानें क्या है तारीख, दिन में छाएगा अंधेरा