बारां जिले के किशनगंज थाना प्रभारी समेत 23 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। बारां एसपी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। हत्या के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने एक दिन पहले ही आरोपी लोकेश सुमन की गिरफ्तारी दिखाई थी। लेकिन पुलिस ने लोकेश को 22 जुलाई से हिरासत में रखा था।
युवक 22 जुलाई से हिरासत में था
दरअसल, 22 जुलाई को किशनगंज थाना क्षेत्र के रामगढ़ रोड पर युवक बबलू मीणा का शव खून से लथपथ हालत में मिला था। मामले की जाँच करते हुए पुलिस ने उसके दोस्त बराना गाँव निवासी लोकेश सुमन को हिरासत में ले लिया। परिजनों के अनुसार, पुलिस ने 22 जुलाई को लोकेश सुमन को पकड़ा था। तब से वह अवैध हिरासत में था।
पुलिस ने 27 जुलाई को गिरफ्तारी दिखाई
पुलिस ने 27 जुलाई को उसकी आधिकारिक गिरफ्तारी घोषित की थी। 28 जुलाई की सुबह लोकेश सुमन की थाने के अंदर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिसकर्मी उसे जिला अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाने में उसकी मौत के बाद, लोकेश के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई कर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया।
सूचना मिलने पर एसपी और डीएम अस्पताल पहुँचे
घटना की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जिला अस्पताल पहुँच गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए किशनगंज अस्पताल भेज दिया। मेडिकल बोर्ड की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। अस्पताल पहुँचे परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जाँच की माँग की। थाने में युवक की मौत के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस अधिकारियों ने मीडिया से बात करने से भी इनकार कर दिया है। आज ही कार्यभार संभालने वाले कोटा आईजी भी मामले की निगरानी कर रहे हैं।
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