कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भरतपुर के किसानों ने बड़ा फैसला लिया है। अब वे पाकिस्तान को पान नहीं भेजेंगे, जिससे आर्थिक नुकसान होना तय है। भरतपुर, राजस्थान। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है।
अब इसकी गूंज राजस्थान के भरतपुर जिले में पहुंच गई है, जहां के किसानों ने साहसिक और राष्ट्रवादी फैसला लिया है। वैरा और बयाना उपखंड के कई गांवों के पान किसानों ने ऐलान किया है कि वे पाकिस्तान को एक भी पान नहीं भेजेंगे। ये किसान मुख्य रूप से तमोली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और खानखेड़ा, खरेरी-बगरैन और उमरैन जैसे गांवों में पारंपरिक तरीके से पान की खेती करते हैं। यहां के पान अपनी खुशबू, स्वाद और खास गुणवत्ता के कारण देश-विदेश में मशहूर हैं। खास बात यह है कि यह पान दिल्ली की मंडियों के जरिए बड़ी मात्रा में पाकिस्तान और खाड़ी देशों में जाता है।
यहां के किसान पान को स्वादिष्ट और टिकाऊ बनाने के लिए पारंपरिक नुस्खे अपनाते हैं- खाद के तौर पर घी, दूध, दही और आटे का इस्तेमाल करते हैं। 45 डिग्री तापमान में भी किसान फसल को जिंदा रखने के लिए दिन में 5-6 बार खेतों की सिंचाई करते हैं। पानी की तरह अब पान भी पाकिस्तान से छीन लिया गया है। भरतपुर के इस फैसले ने न सिर्फ दुश्मनों को करारा जवाब दिया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि देश पहले है, कारोबार बाद में।
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