नागौर में मंगलवार को पशु प्रदर्शनी स्थल पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) प्रमुख और सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में विशाल जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में हजारों लोगों ने भाग लिया और वाटरप्रूफ पंडाल में मंच पर पूर्व विधायक इंदिरा बावरी, नारायण बेनीवाल, विधानसभा चुनाव प्रत्याशी कनिका बेनीवाल समेत आरएलपी के कई जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी मौजूद रहे। रैली के बाद बेनीवाल ने अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया और सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। रैली में बेनीवाल ने जनता से एकजुट होकर इन मुद्दों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। हनुमान बेनीवाल ने मंच से सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने डेढ़ घंटे में हमारी मांगें नहीं मानीं तो धारा 163 फाड़ दी जाएगी।
भाजपा नेताओं पर कमीशनखोरी का आरोप
उन्होंने भाजपा नेताओं पर बजरी खनन में कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाया। बेनीवाल ने दावा किया कि भाजपा के बड़े नेताओं का बजरी में 2 से 10 प्रतिशत तक कमीशन तय है। इसके साथ ही उन्होंने खींवसर विधायक के कारनामों का ज़िक्र करते हुए कहा कि चोर-बदमाश मेरे साथ ज़्यादा दिन नहीं टिक सकते। हनुमान बेनीवाल हारे हुए का सहारा हैं।
नागौर पुलिस अधीक्षक पर भी निशाना
पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने नागौर पुलिस अधीक्षक नारायण तोगस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका दिमाग़ खराब हो गया है। उन्होंने नारायण तोगस पर पाली के पलून गाँव में शिक्षक रहते हुए 1996 में गणतंत्र दिवस पर अश्लील गाने बजाने का आरोप लगाया। नारायण बेनीवाल ने दावा किया कि तोगस बाद में आरपीएस बन गए और इस मामले से इस्तीफ़ा दे दिया। इस बीच, ज़िला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने रैली के मद्देनज़र ज़िला मुख्यालय, सर्किट हाउस से लेकर कलेक्ट्रेट, रेलवे तिराहा, कोर्ट परिसर और एसपी कार्यालय तक धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। सुरक्षा के लिहाज़ से नगर परिषद ने पशु प्रदर्शनी स्थल से लेकर कलेक्ट्रेट तक सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं।
नागौर में आयोजित जन आक्रोश रैली में हनुमान बेनीवाल की मुख्य मांगों में मेड़ता एवं मेड़ता-पुष्कर रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहित की जा रही भूमि में किसानों को कम मुआवजा दिए जाने एवं भूमि अधिग्रहण में मनमानी प्रक्रिया अपनाए जाने से उत्पन्न समस्याएं, जयपुर-नागौर-फलोदी के प्रस्तावित थार एक्सप्रेस-वे में किए जा रहे गलत सर्वेक्षण, नागौर जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बजरी माफियाओं के आतंक से आमजन में व्याप्त भय, जेएसडब्ल्यू, अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री, जेके लक्ष्मी सीमेंट कम्पनियों एवं सोलर कम्पनियों की मनमानी, विभागों में व्याप्त संस्थागत भ्रष्टाचार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में समय पर उचित क्लेम नहीं मिलने तथा बीमा कम्पनियों एवं दलाल-माफियाओं के बीच गठजोड़, पशु मेलों में पशुपालकों द्वारा बेचे जाने वाले पशुओं के परिवहन में होने वाली समस्याएं सहित अन्य जनहित के मुद्दे शामिल हैं।
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