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राजस्थान में मानसून के साथ मलेरिया और डेंगू का प्रकोप, लेटेस्ट वीडियो में जानें बाड़मेर-जैसलमेर में सबसे ज्यादा केस

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राजस्थान में मानसून की दस्तक के साथ ही मलेरिया और डेंगू जैसे मौसमी रोगों का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। राज्य में मानसून सीजन आधा बीत चुका है और अब हर दिन मलेरिया और डेंगू के नए केस सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बाड़मेर और जैसलमेर जिले इन रोगों से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेशभर में औसतन हर दिन मलेरिया के 10 और डेंगू के 4 नए मरीज सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के चलते जलभराव और गंदगी से मच्छरों के पनपने की आशंका बढ़ गई है, जिससे इन रोगों का खतरा और अधिक गहराया है।

बाड़मेर और जैसलमेर में हालात चिंताजनक

पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में मलेरिया और डेंगू के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इन इलाकों में जलभराव और साफ-सफाई की कमी के कारण मच्छरजनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा सीमित होने के कारण रोगियों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राज्य भर में मलेरिया और डेंगू नियंत्रण के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। मेडिकल टीमों को गांव-गांव भेजा जा रहा है और बुखार के मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। फॉगिंग, लार्वा नाशक छिड़काव और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों की तुरंत सफाई कराएं और लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करें। हर जिला अस्पताल में डेंगू व मलेरिया जांच और इलाज की सुविधा सुनिश्चित की गई है।”

लोगों को सतर्क रहने की सलाह

डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, कूलर और पानी की टंकियों की नियमित सफाई करें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। साथ ही किसी भी तरह के बुखार को हल्के में न लें और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।

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